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मुस्लिम मेकअप आर्टिस्ट रामलीला के किरदारों को दे रहा भगवान का रूप, खुद भी कर चुका है रामलीला में मंचन

locationलखनऊPublished: Oct 12, 2021 01:04:18 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

Prayagraj: मुस्लिम मेकअप मैन अपने हाथों की कलाकारी से रामलीला के किरदारों को कर रहे हैं जीवंत। मेकअप आर्टिस्ट हामिद पथरचट्टी रामलीला में किया मंचन, अब मेकअप से कलाकारों में भरते हैं रंग। 12 साल की उम्र से ही रामलीला में काम करने करने लगे थे काम। सबसे पहले लोकनाथ की रामलीला में सुग्रीव और भीम का पाठ किया।

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प्रयागराज. संगमनगरी धर्म की नगरी कही जाती है। यहाँ की गंगा-यमुनी तहजीब देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। हर वर्ष प्रयागराज में धार्मिक आयोजनों का संगम देखने को मिलता है। कुंभ, अर्ध कुंभ और माघ मेले जैसे आयोजन से एकता का संदेश दूर तक जाता है। ऐसे ही भाई चारा का मिशाल पेश कर रहे है। प्रयागराज के रहने वाले मुस्लिम मेकअप मैन हामिद। 20 सालों से रामलीला में किरदार निभाने के साथ ही अब हाथों की कलाकारी से रामलीला में मंचन करने वाले किरदारों में रंग भरने का काम कर रहे हैं। रामलीला मेकअप मैन हामिद ने पत्रिका टीम से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि आर्टिस्ट का कोई धर्म नही होता है, वह सिर्फ कला का प्रेमी होता है।
रामलीला में निभा चूंके है किरदार

पत्रिका टीम से खास बातचीत करते हुए मेकअप मैन हामिद ने कहा कि लगभग 20 सालों से रामलीला में काम करता आ रहा हूँ। पहले रामलीला में अलग-अलग भूमिका में किरदार का मंचन किया करता था, लेकिन अब पथरचट्टी रामलीला में राम,सीता, लक्षण, जनक, सुनैना, हनुमान जी और अन्य कलाकारों का मेकअप करके उनका भाव प्रकट करता हूँ। कलाकारों के किरदार के हिसाब से उनके भाव को जीवंत करने का काम करता आ रहा हूँ।
बचपन से ही था रामलीला में काम करने का शौक

मुस्लिम मेकअप मैन हामिद ने कहा कि जब मैं 12 साल का था तभी से ही रामलीला में काम करने करने लगा था। सबसे पहले लोकनाथ की रामलीला में सुग्रीव और भीम का पाठ किया। इसके बाद पथरचट्टी रामलीला के साथ जुड़कर मंचन किया। इसके बाद कई सालों से यहां आने वाले किरदारों का मेकअप करना शुरू किया हूँ।
किरदार में भाव जरूरी

मेकअप आर्टिस्ट हामिद ने कहा कि हर किरदार के हिसाब से उसके चेहरा का भाव जरूरी होता है। इसीलिए मेकअप करने से उनके किरदार को याद करके ही मेकअप करना शुरू करता हूँ। जबतक अंदर वह भाव नहीं आएगा, तबतक मेकअप में भाव देखने को नहीं मिलता है।
आर्टिस्ट का नहीं होता कोई जाति

मेकअप मैन हामिद ने कहा कि कलाकार का कोई जाति नहीं होता है। मुस्लिम हो या फिर हिन्दू कलाकार सिर्फ कलाकार होता है। कलाकार अपने कला का प्रेमी होता है।
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