यूपी में बीते 24 घंटें में 312 कोरोनावायरस पाजिटिव की मौत, लखनऊ और मेरठ का आंकड़ा जानेंगे तो चौंक जाएंगे अधिकार छीन लिए गए :- स्वामी आनंद गिरि पर निष्कासन की कार्रवाई होने के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को बाघंबरी गद्दी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्थाओं से भी अलग कर दिया है।
पंच परमेश्वरों ने जांच की :- निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का पंच परमेश्वरों को पत्र मिला था। पत्र में संत आनंद गिरि के संन्यास परंपरा के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। पंच परमेश्वर की जांच में आनंद गिरि के पारिवारिक संबंधों का खुलासा होने के साथ हनुमान मंदिर से अर्जित धनराशि घर भेजने की पुष्टि हुई। सचिव महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि, जांच के बाद अखाड़ा कार्यकारिणी पदाधिकारियों की हरिद्वार के अष्टकौशल मायापुर में बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से आनंद गिरि को अखाड़ा से बाहर करने का प्रस्ताव पारित हुआ। इस मुद्दे पर आनंद गिरि से फोन और व्हाट्सएप पर संपर्क किया गया पर कोई पक्ष नहीं मिला।
घर-परिवार से संबंध की शिकायतें सही पाई गई :- महंत नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि, स्वामी आनंद गिरि की अपने घर-परिवार से संबंध रखने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद अखाड़े की ओर से जांच कराकर उनके निष्कासन का निर्णय लिया गया है।
स्वामी आनंद गिरि बेहद चहेते शिष्य :- स्वामी आनंद गिरि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सबसे चहेते शिष्य थे। वे अखाड़ा परिषद पिछले 12 वर्षों से जुड़े हुए थे। उन्हें महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी कहा जाता था। स्वामी आनंद गिरि आस्ट्रेलिया में अपनी दो महिला शिष्याओं संग मारपीट और अभद्रता के आरोप में वर्ष 2019 में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आ थे।