थ्रेशर में बाल फंसने से उखड़ी थी त्वचा गोंडा निवासी 13 वर्षीय बच्ची परिवारजन के साथ खेत पर गई थी। वर्ष 2018 में उसके बाल थ्रेशर में फंस गए। ऐसे में पलभर में उसके सिर की ऊपरी त्वचा उखड़ गई। दायां कान भी उसका चेहरे से अलग हो गया। खून से लथपथ बच्ची को लेकर परिवारजन केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर लाए। यहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने देखा। विभागाध्यक्ष डॉ. बृजेश कुमार मिश्रा ने बच्ची की जांचें कराईं। इसके बाद बच्ची के उखड़े कान व सिर की त्वचा को दोबारा रीप्लांट करने का प्लान बनाया। करीब छह घंटे में उसका उखड़ा कान- सिर की त्वचा लगा दी गई। मगर, यह ऑपरेशन कामयाब नहीं हुआ। इसके बाद दोबारा ऑपरेशन किया गया।
सीएम राहत कोष से हुआ ऑपरेशन बच्ची की स्किन ग्राफ्टिंग की गई। इसके बाद तीसरी बार में बच्ची की पसली से रिब कार्टिलेज (मुलायम हड्डी नुमा) निकाली गई। उसके हाथ की कलाई पर कान का फ्रेम वर्क बनाया गया। इसको बनाकर हाथ के ऊपरी त्वचा व नीचे वाली त्वचा के बीच में इंप्लांट कर दिया। छह माह बाद हाथ से कान हटाकर चेहरे पर लगा दिया गया। नवंबर अंत में बच्ची के कान को इंप्लांट किया गया। केजीएमयू में पहली बार हाथ पर कान बनाकर इंप्लांट किया गया। बच्ची का ऑपरेशन सीएम राहत कोष से हुआ।
यह डॉक्टर रहे शामिल सर्जरी में डॉ. बृजेश मिश्रा के साथ डॉ. केरल, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. शिल्पी व डॉक्टर सोनिया शामिल रहीं। सीएम राहत कोष से मिलने वाली राशि से परिजन टिशू एक्सपेंडर एवं माइक्रो सर्जरी में उपयुक्त होने वाली वस्तुओं को आसानी से क्रय कर सके।