उन्होंने बताया कि जिन गर्भवती महिलाओं को 28 सप्ताह पूरे हो गए है उन्हें अपनी इम्युनिटी पावर बढाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए,इम्युनिटी पावर बढाने के लिए आयरन देने वाले खाद्य पदार्थ,प्रोटीन एवं दूध आदि का सेवन डाइट प्लान के अनुसार करना चाहिए ताकि गर्भवती महिलाओं का शरीर छोटे मोटे रोगों से आसानी से लड़ सके। इसके साथ ही घर से बहुत ज़रूरी हो तो ही निकलें। आसपास पड़ोस में भीड़ वाली जगह न बैठे,न ही खुले मुह या हाथ रहें,मुँह पर मास्क या गमछा साथ ही कलाई तक कपड़े रहें। यदि महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया है।
तो बच्चे को कम से कम हाथो में दें लेकिन उसके पहले हाथो को समुचित तरह से सैनिटाइज जरूर करवॉये,साथ ही यदि मा कुछ काम करने के बाद शिशु को स्तनपान करवा रही है। तो उसके पहले अपने हाथों को सैनिटाइज कर लें। नवजात बच्चे को ढक कर ही रखें साथ ही यह ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है की बच्चे के चेहरे के आसपास ज़्यादा ढका न हो ताकि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत न महसूस हो। यदि माँ या बच्चे दोनों में से किसी एक को दो दिन से ज़्यादा सर्दी खासी हो रही हो तो बिना देरी किये डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। मां को तीन लेयर वाला मास्क पहनना चाहिए साथ ही बच्चे को सम्भव हो तो माथे गाल आदि पर न चूमने से बचना चाहिए। बच्चे के पास यदि मां छींक या खास रही हो तो बेहतर है की बच्चे से दूर जाकर छींके और खासे और मुह पंर कपड़ा लगाकर ही छींके पुनः बच्चे को छूने या गोद मे लेने से पहले ख़ुद को सही से सैनिटाइज़ कर लें। बारिश का मौसम नजदीक है ऐसे में गर्भवती महिलाएं शौक में भी बारिश में न भीगे,ताकि कोई अन्य संक्रमण भी न फैलने पाए।
आशा वेलफेयर फाउंडेशन की प्रेसिडेंट सोनी वर्मा ने बताया कि संस्था जन जन में जागरूकता फैलाने को प्रयासरत है। आने वाले समय मे स्लम बस्तियों में महिलाओं को जागरूकता के साथ ही सैनिटरी पैड्स वितरण का लक्ष्य है। डॉ एम.पी श्रीवास्तव वर्तमान में राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज स्थित झलकारी बाई अस्पताल में कंसल्टेंट पैथोलोजिस्ट, एवं चेस्ट फिजिशियन है इसके साथ ही इंफेक्शन कंट्रोल अफसर, नोडल अफसर बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के प्रभारी भी है।