परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग में दाखिल अपनी विद्युत आपत्तियों में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे लगभग 19537 करोड़ के एवज में एक मुश्त 25% या 3 वर्षों तक लगातार आठ फीसद बिजली दरों में कमी का मुद्दा उठाया है। सबसे बड़ा चौंकाने वाला मामला यह है कि आयोग ने वर्ष 2020-21 मई जिस समय परिवर्तन को खारिज कर दिया गया था। उसे फिर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता एआरआर का हिस्सा बनाया गया है।
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परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि आयोग ने बिजनेस प्लान में जब वर्ष 2021-22 के लिए वितरण हानियां 11.08 प्रतिशत अनुमोदित कर दी थी फिर एआरआर में उसे बढ़ाकर 16.64 प्रतिशत प्रस्तावित करना आयोग के आदेश का खुला उल्लंघन व अवमानना है।