यूसीसी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा है कि ‘ निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी’। आगे उन्होंने लिखा है कि सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में #UniformCivilCode अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में भाई, भांजा, भतीजा, चाचा-ताऊ, चचेरा भाई, फुफेरा भाई, मौसेरा भाई, ममेरा भाई, नातिन का दामाद, पिता, सौतेला पिता, दादा, परदादा, सौतेला परदादा, परनाना या पिता का नाना, सौतेला परनाना, नाना, सौतेला नाना, मां का सौतेला परनाना, बेटा, दामाद, पोता, बेटे का दामाद, नाती, बेटी का दामाद, परपोता, पोते का दामाद, बेटे का नाती, पोती का दामाद, बेटी का पोता, नाती का दामाद, नाती का दामाद, नातिन का बेटा, माता का नाना आदि से विवाद गैरकानूनी हो जाएगा।
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कड़े नियम
राज्य के यूसीसी लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप के लिए सख्त नियम लागू हो जाएंगे। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े को रजिस्ट्रार को जानकारी देनी होगी। लिव इन में पैदा हुए बच्चे को वैध माना जाएगा। एक माह से अधिक समय से लिव इन में रहने वाले जोड़े ने यदि रजिस्ट्रार को जानकारी नहीं दी तो उन्हें जुर्माना और सजा हो सकती है।