मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप्र को उद्योग प्रदेश बनाने में जुटे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अफसरों को 10 अगस्त को होने वाली इस समिट की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। इस समिट का उद्घाटन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। यह समिट भी इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगी। समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय व राज्य सरकार के मंत्रियों सहित कई उद्यमी शामिल होंगे। इसमें राज्य सरकार और अमेजन, एनएसई एवं बीएसई आदि के मध्य एमओयू का आदान-प्रदान किया जाएगा।
एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग पर जोर
समिट के दौरान एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, क्राफ्ट एंड टूरिज्म, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल्स और क्रेडिट एंड फाइनेंस के चार सेशन भी आयोजित होंगे। समिट में राज्य के विभिन्न जनपदों के लोकप्रिय पारंपरिक उत्पादों काप्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की कलाओं और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ राज्य की छवि को उभारने और निखारने का भी प्रयास किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन
सीएम के मुताबिक समिट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश का विकास और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने व उनकी आय में वृद्घि के लिए ही शुरू की गई है।
सीएम के मुताबिक देश के पहले वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) समिट में लाभार्थियों को 500 करोड़ रुपये के लोन बांटे जाएंगे। समिट में राष्ट्रपति करीब 100 करोड़ रुपये के लोन बांटेंगे. बाकी 400 करोड़ रुपये के लोन जिलों में प्रभारी मंत्री देंगे। लोन में मार्जिन मनी में 25 प्रतिशत की छूट सरकार दे रही है.साथ ही टूल किट का वितरण भी किया जाएगा। सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी के अनुसार ओडीओपी के तहत सभी जिलों के प्रोडक्ट का उत्पादन किस तरह बढ़ाया जाए, इसके लिये ट्रेनिंग देने की भी योजना है। साथ ही हर जिले में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनाए जाएंगे। समिट में उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्पियों को लोन भी उपलब्ध कराये जाएंगे।
समिट का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जिले के चिन्हित उत्पादों के विकास के लिए सुविधाएं मुहैया कराना है। इससे वाराणसी की रेशम की साडिय़ां, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर का चमड़ा उद्योग, अलीगढ़ के ताले, फिरोजाबाद का ग्लास, मुरादाबाद का पीतल, प्रतापगढ़ का आंवला, लखनऊ की जरी व चिकन, पीलीभीत की बांसुरी, भदोही की कालीन, कन्नौज का इत्र, सहारनपुर व रायबरेली की काष्ठकला को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल सकेगा।
अमेजन से भी बिकेंगे ओडीओपी के प्रोडक्ट
ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए 10 अगस्त को प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू होगा। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी। विभाग के सचिव भुवनेश कुमार ने बताया ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है।
एक लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा कमाने का टारगेट
वर्ष 2017-18 में यूपी ने 89 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार परंपरागत उद्योगों से ही मिलेंगे। विदेशी मुद्रा भी इसी से कमाई जा सकती है।
एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग पर जोर
समिट के दौरान एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, क्राफ्ट एंड टूरिज्म, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल्स और क्रेडिट एंड फाइनेंस के चार सेशन भी आयोजित होंगे। समिट में राज्य के विभिन्न जनपदों के लोकप्रिय पारंपरिक उत्पादों काप्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की कलाओं और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ राज्य की छवि को उभारने और निखारने का भी प्रयास किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन
सीएम के मुताबिक समिट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश का विकास और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने व उनकी आय में वृद्घि के लिए ही शुरू की गई है।
सीएम के मुताबिक देश के पहले वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) समिट में लाभार्थियों को 500 करोड़ रुपये के लोन बांटे जाएंगे। समिट में राष्ट्रपति करीब 100 करोड़ रुपये के लोन बांटेंगे. बाकी 400 करोड़ रुपये के लोन जिलों में प्रभारी मंत्री देंगे। लोन में मार्जिन मनी में 25 प्रतिशत की छूट सरकार दे रही है.साथ ही टूल किट का वितरण भी किया जाएगा। सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी के अनुसार ओडीओपी के तहत सभी जिलों के प्रोडक्ट का उत्पादन किस तरह बढ़ाया जाए, इसके लिये ट्रेनिंग देने की भी योजना है। साथ ही हर जिले में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनाए जाएंगे। समिट में उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्पियों को लोन भी उपलब्ध कराये जाएंगे।
समिट का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जिले के चिन्हित उत्पादों के विकास के लिए सुविधाएं मुहैया कराना है। इससे वाराणसी की रेशम की साडिय़ां, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर का चमड़ा उद्योग, अलीगढ़ के ताले, फिरोजाबाद का ग्लास, मुरादाबाद का पीतल, प्रतापगढ़ का आंवला, लखनऊ की जरी व चिकन, पीलीभीत की बांसुरी, भदोही की कालीन, कन्नौज का इत्र, सहारनपुर व रायबरेली की काष्ठकला को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल सकेगा।
अमेजन से भी बिकेंगे ओडीओपी के प्रोडक्ट
ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए 10 अगस्त को प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू होगा। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी। विभाग के सचिव भुवनेश कुमार ने बताया ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है।
एक लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा कमाने का टारगेट
वर्ष 2017-18 में यूपी ने 89 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार परंपरागत उद्योगों से ही मिलेंगे। विदेशी मुद्रा भी इसी से कमाई जा सकती है।