उत्तर प्रदेश में नमकीन उत्पादन के मामले में फर्रूखाबाद देश का अग्रणी केंद्रों में से एक है। शहर की करीब 1200 छोटी-बड़ी नमकीन इकाइयों से हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार और निर्यात होता है। सरकार की मंजूरी के बाद कीमतों में करीब 10 से 15 फीसदी तक इजाफा हुआ।
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एक जून से यूपी में सबसे सस्ता होगा चिकन, खाने वालों की होगी जबरदस्त पार्टी खाद्य तेलों से लेकर मसाले की बढ़ गई कीमते नमकीन कारोबारी अमनदीप कौर बताते हैं कि नमकीन की कीमते बढ़ाने की वजह है कि खाद्य तेल से लेकर ट्रांसपोर्ट तक महंगा हो गया है। कोरोना के बाद से पहले से ही घाटे में व्यापार चल रहा है, ऐसे में कीमते बढ़ाना जरूरी था। कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें लम्बे समय से ऊंचे स्तर पर रहने से हमारी परिवहन लागत 15 से 20 फीसदी बढ़ गई।
पैकेजिंग के दाम भी बढ़े कारोबारियों के मुताबिक नमकीन उत्पादों को पैक करने में प्रयुक्त होने वाला कागज और प्लास्टिक की पन्नी भी महंगी हो गई है। बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण नमकीन कारखानों के ज्यादातर मालिकों और विक्रेताओं ने अपने कर्मचारियों की पगार पिछले दो साल से नहीं बढ़ाई थी, लेकिन इस साल अप्रैल में नया वित्त वर्ष शुरू होते ही इनकी तनख्वाह में इजाफा किया गया है। बढ़े खर्चों के आधार पर कीमतें बढ़ाई गई।