अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमन्तु जनजाति अधिसूचना में से निकाली गयी जनजातियां, गरीबी रेखा से नीचे अन्य कुटुम्ब, महिला प्रधान वाले कुटुम्ब, शारीरिक रूप से विकलांग प्रधान वाले कुटुंब, भूमि सुधारों के फायदाग्राही, इन्दिरा और प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीन फायदाग्राही अनुसूचित जाति तथा अन्य पारंपरिक वनवासी वन अधिकारी मान्यता अधिनियम-2006 (2007 का 2) के अधीन फायदाग्राही इस योजना से लाभान्वित हो सकता है।
दूसरी योजना मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना है । इसमें वृक्षारोपण सड़क, नहर किनारे, सार्वजनिक परिसरों यथा-शवदाह गृह, खेल मैदान, आंगनबाड़ी केन्द्र, शासकीय विद्यालय, छात्रावास, ग्राम समाज भूमि आदि पर तथा अशासकीय सार्वजनिक भवनों की बाउण्ड्री पर और सामुदायिक शासकीय भूमि पर किया जा सकेगा। तीसरी योजना के अंतर्गत एक व्यक्ति – एक वृक्ष योजना (गंगा हरीतिमा अभियान) है। यह योजना शहरों एवं ग्रामों में अवस्थित निजी आवासीय भूमि पर व्यक्तिगत रूप से वृक्षारोपण को प्रोत्साहन के लिए शुरू किया गया है।
गंगा हरीतिमा अभियान अंतर्गत देश के प्रत्येक नागरिक को कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाये जाने के लिए प्रेरित किया जाये। एक व्यक्ति- एक वृक्ष योजना में राजकीय सेवको को स्वेच्छा से भागीदारी हेतु प्रेरित किया जाना है, जिससे उत्तर प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के सापेक्ष मौजूदा 9.18 प्रतिशत वनावरण एवं वृक्षारोपण में वृद्धि हो सके एवं पर्यावरण शुद्ध हो सके।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के मंत्री मनोहर लाल पंथ उर्फ़ मन्नू कोरी लोगों से आगे आकर प्रकृति को बचाने के काम में जुड़ने का आवाहन किया। उन्होंने हर व्यक्ति को एक पेड़ लगाकर उसका संरक्षण और संवर्धन करने का अनुरोध किया तथा स्वच्छ भारत मिशन पर आगे आने की अपील की। विशिष्ट अतिथि सांसद प्रतिनिधि प्रदीप चौबे ने बरगद, पीपल, पाकड़ व आंवला के रोपण की महत्ता बताई। इस दौरान पूर्व प्राचार्य भगवत नारायण शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्रनारायण शर्मा, प्रभारी डीएफओ आरके त्रिपाठी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।