कानून बनाकर राम मंदिर बनाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद कानून बनाकर राम मंदिर बनाने की मांग उठी रही है। राम मंदिर को लेकर संत समाज की बेरुखी के साथ ही बीजेपी को अपने ही कई नेताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक तमाम विरोध झेलने के बाद अब बीजेपी भी राम मंदिर के लिए कानून बनाने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाने का मन बना रही है। बीते दिनों बीजेपी के ही दो राज्यसभा सांसदों ने कहा कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर बनाने को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या प्राइवेट मेंबर बिल वह काम कर पाएगा जो पिछले 50 सालों में नहीं हो सका।
बीजेपी के लिए मजबूरी दरअसल संसद में निजी विधेयक के जरिए राम मंदिर बनाने के लिए रास्ता निकालना अब बीजेपी के लिए मजबूरी बन चुका है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर सुनवाई टलने के बाद से ही संत समाज से लेकर पार्टी के तमाम नेता और कोर वोटर इस मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे हैं। बीजेपी राम मंदिर को लेकर संत समाज, अपने नेताओं और कोर वोटरों को नाराज नहीं कर सकती। क्योंकि राम मंदिर हमेशा से ही बीजेपी के मेन एजेंडे में रहा है। इसलिए राम मंदिर को लेकर बीजेपी ने जरा सा भी ढीला रवैया अपनाया तो इसका संदेश पार्टी के खिलाफ जाना तय है।
कानून बनाना मुश्किल वहीं जानकारों की अगर मानें तो इस स्थिति में राम मंदिर पर ऑर्डिनेंस लाना या कानून बनाना बहुत ही मुश्किल है। क्योंकि बीजेपी को भी नहीं पता कि इसका उसे कितना फायदा या नुकसान होगा। बीजेपी के तमाम सहयोगी भी राम मंदिर के लिए कानून बनाने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार के लिए यह फैसला लेना काफी कठिन है। यही कारण है कि बीजेपी प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में बीच का रास्ता निकालना चाहती है। जिससे बिल पर बहस के बहाने गेंद को विपक्ष के पाले में डाला जा सके। क्योंकि संसद में बिल पेश होने के बाद विपक्ष को राम मंदिर पर स्टैंड लेने के लिए मजबूर किया जा सकेगा।