निदेशक प्राविधिक शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि राजकीय, अनुदानित या निजी संस्थानों को प्रवेश एवं फीस नियमन समिति की ओर से निर्धारित शुल्क की सूचना संस्थान के पोर्टल पर ही देने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि कई संस्थान अभी भी करीब 15 साल पुरानी फीस अपने पोर्टल पर अपलोड किए हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है। ऐसे में अब संस्थान जानकारी नहीं देंगे तो उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी।
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तय फीस से ज्यादा नही होगी वसूली अन्य सुविधाओं के नाम पर होती वसूली निदेशक के मुताबिक राजकीय और अनुदानित संस्थानों में अधिक फीस वसूली की शिकायतें न के बराबर होती हैं। जबकि अब तक मिली शिकायतों के अनुसार कई संस्थान फीस नियमन समिति की ओर से तय फीस से ज्यादा धन छात्रों से वसूलते हैं। वह छात्रों को रसीद तो तय फीस की ही देते हैं लेकिन अन्य सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल कर लेते हैं। यह भी पढ़ें
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