पार्टी और यूपीए को करेंगी मजबूत अन्य दलों के मुकाबले से कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर दी। कांग्रेस के खास रणनीतिकार 2019 का लोकसभा फतह करने के लिए पर्दे के पीछे बैठकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। कांग्रेस सोशल मीडिया से लेकर दलित और मुस्लिम उत्पीड़न सहित पीएम मोदी की कमजोरी पर नजर रखकर भाजपा के खिलाफ वार कर रही है। वहीं राहुल गांधी लोकसभा के बजाए एमपी और राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। जबकि प्रियंक गांधी अंदरखाने यूपी में पार्टी की जमीन मजबूत कर रही हैं। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम पाल के मुताबिक 2019 में मोदी सरकार की रवानगी तय है। पीएम मोदी ने झूठ के बल पर सत्ता हासिल की, लेकिन उनकी पोल चार साल के कार्यकाल के दौरान खुल गई है। रामपाल ने कहा कि अगर प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में आती हैं तो इससे पार्टी को बहुत फाएदा होगा और कार्यकर्ता दोगुनी ताकत के साथ चुनाव के मैदान में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उतरेंगे।
रायबरेली से लड़ सकती हैं चुनाव कांग्रेस से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की अगर मानें तो प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां की सीट रायबरेली से चुनाव के मैदान में उतार सकते हैं और पार्टी में इसकी तैयारी भी अंदरखाने शुरू हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक जल्द ही कांग्रेस प्रियंका गांधी के चुनाव में उतरने का ऐलान भी कर सकती है क्योंकि 2019 में सोनिया गांधी ने चुनावी मैदान में नहीं उतरने का मन बनाया है। दरअसल सोनिया राजनीति में तो रहेंगी, लेकिन अब पार्टी के अधिकतर फैसले राहुल गांधी और उनकी टीम ही करेगी। सोनिया गांधी का पूरा फोकस यूपीए के दलों के बिखराव को रोकने पर रहेगा। क्योंकि चुनाव के बाद अगर भाजपा को बहुमत नहीं मिला तो सोनिया गांधी ही यूपीए की सरंक्षक हो सकती हैं और सभी दलों को लेकर सरकार बनाने में अहम किरदार निभा सकती हैं।
जिताऊ सीटों पर ज्यादा फोकस कांग्रेस यूपी की 80 सीटों के बजाय उन लोकसभा सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी, जहां उसका प्रदर्शन 2004 से लेकर 2014 तक अच्छा रहा है। इनमें से यूपी की 30 ऐसी सीटें हैं जहां पर पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। इन 30 सीटों में से 22 में कांग्रेस का वर्चस्व रहा। जबकि आठ ऐसी सीटें हैं, जहां कांग्रेस का आधार तो है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में वह चौथे और पांचवें नंबर पर रही थी। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम पाल के मुताबिक 2019 में यूपी की कई सीटों पर कांग्रेस की जीत तय हैं। हम खुद हर दिन कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जमीनी इनपुट ले रहे हैं। अब मोदी की लहर नहीं बल्कि जनता में नाराजगी दिख रही है।
युवाओं के हाथों में होगी कमान कांग्रेस जिलों में जल्द ही नई कमेटियों का गठन कर पुराने नेताओं को पद से मुक्त कर युवाओं के हाथों में बागडोर देने जा रही है। सूत्रों की अगर मानें तो पार्टी के अंदर तीन साल से ज्यादा समय से पद पर काबिज नेताओं को भी हटाया जाएगा। ब्लॉक और बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी सचिवों और प्रभारियों को सक्रिय किया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम पाल ने बताया कि यूपी में भाजपा के बाद कांग्रेस का सबसे बड़ा संगठन है। कांग्रेस की जड़े गांव, वार्ड मोहल्लों और कस्बों में हैं। कुछ जिलों के संगठन में युवाओं को जोड़ने का काम चल रहा है। वहीं प्रियंका गांधी के राजनीति में उतरने के सवाल पर राजाराम पाल ने कहा कि प्रियंका वाड्रा कांग्रेस में हमेशा से सक्रिय रही हैं। अगर वह रायबरेली से चुनाव लड़ती हैं तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को यूपी के अन्य जिलों में भी मिलेगा।