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राहुल की ढाल बनेंगी प्रियंका, इंदिरा गांधी शताब्दी समारोह के जरिए यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश

locationलखनऊPublished: Sep 17, 2017 03:24:33 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस यूपी में अपनी इमेज मेकओवर के प्रयास में जुटी है।

Rahul gandhi
लखनऊ. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस यूपी में अपनी इमेज मेकओवर के प्रयास में जुटी है। इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह के जरिए कांग्रेस ने यूपी में संगठन को मजबूत करने का रोड मैप तैयार कर लिया है। इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में कांग्रेस आमजन से जुड़कर उन्हें अपनी विचारधारा बताने के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला चला रही है। सूत्रों की मानें तो इस थीम पर प्रोग्राम को प्रियंका गांधी ने ही डिजाइन किया है और वह रायबरेली और इलाहाबाद में होने वाले इस कार्यक्रम में खुद भी शामिल होंगी। ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी की इमेज मजबूत करने के लिए प्रियंका ने ये कदम उठाया है।
लखनऊ से हुई शुरुआत

13 सितम्बर से शुरू हुआ इंदिरा गांधी शताब्दी कार्यक्रम अगले 17 नवम्बर तक चलेगा।इसमें 13 सितम्बर को लखनऊ में इसकी शुरुआत के बाद अब 18 सितम्बर को झांसी, 25 सितम्बर को बनारस, 4 अक्टूबर को मेरठ, 11 अक्टूबर को बरेली, 15 अक्टूबर को गोरखरपुर, 25 अक्टूबर को अलीगढ़ में कार्यक्रम मनाया जाएगा।इनके अलावा भी 4 नवम्बर को रायरबेली में सोनिया गांधी इस कार्यक्रम में खुद मौजूद रहेंगी। 11 नवम्बर को आगरा और इस जन्म शताब्दी समारोह के समापन में 17 नवम्बर को इलाहाबाद में प्रियंका गांधी मौजूद रहेंगी। राहुल गांधी इनमें से किस जगह के कार्यक्रम में जाएंगे इसकी जानकारी अभी नहीं हुई है।
इतिहासकार भी होंगे शामिल

कार्यक्रम की जिम्मेदारी कांग्रेस सेवा दल को दी गई है। वहीं छात्रों को इसमें लाने की जिम्मेदारी एनएसयूआई के पदाधिकारियों को मिली है। कार्यक्रम में जेएनयू-बीएचयू के इत‍िहासकार भी शाम‍िल होंगे। बता दें, इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह में वरिष्ठ इतिहासकारों द्वारा इंदिरा गांधी के राजनीति में आने से लेकर उनके सरकार में लिए गए निर्णय और उसकी समीक्षा की चर्चा लोगों के बीच करने की तैयारी है।वरिष्ठ इतिहासकारों में जेएनयू के प्रोफेसर आदित्य मुखर्जी और प्रो. मृदुला मुखर्जी मुख्य रूप से शामिल होंगी। इनके अलावा बीएचयू के इतिहास और राजनीति के प्रोफेसर भी शामिल होंगे।13 सितम्बर से शुरू हुए इस समारोह को यूपी के अन्य 9 जिलों में मनाने के साथ ही पूरे यूपी को कवर किया जाएगा। एक जिले के कार्यक्रम में 11 आसपास के जिलों की टीम को बुलाया जा रहा है।
एनएसयूआई को भी मजबूत करने की कोशिश

कार्यक्रम में छात्रों को इसमें लाने की जिम्मेदारी एनएसयूआई के पदाधिकारियों को दी गई है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने स्टूडेंट विंग को प्रदेश में मजबूत करने में जुटी है। आने वाल समय में एनएसयूआई में कई अहम बदलाव भी किए जा सकते हैं। हाल ही में एनएसयूआई ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल की थी।
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