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प्रियंका गांधी के किस ऐलान की वजह से मायावती ने थोड़ा गठबंधन

locationलखनऊPublished: Mar 17, 2019 08:11:34 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

भाजपा पर आक्रमण गठवन्धन की घेरावन्दी ,प्रियंका का मिशन यूपी पार्ट-2

Priyanka Gandhi Vadra

प्रियंका गांधी के किस ऐलान की वजह से मायावती ने थोड़ा गठबंधन

RITESH SINGH
लखनऊ। चार दिवसीय यात्रा पर आयीं कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi Vadra ने यूपी की जनता के नाम एक पत्र वायरल करा के अपनी मंशा जाहिर कर दिया। जिसमें उन्होंने लिखा है कि यूपी की राजनीति में ठहराव आ गया है। कांग्रेस की सिपाही हूँ प्रदेश की राजनीति बदल दूंगी। यूपी से हमारा बहुत पुराना नाता है। बता दें कि प्रियंका वाड्रा ने राजनीति में प्रत्यक्ष जिम्मेदारी मिलने के साथ ही बता दिया था कि हमारा लक्ष्य 2022 है। जानकार बताते हैं कि प्रियंका के उसी ऐलान के कारण बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने पर अड़ गयीं।
प्रियंका ने उतरा एहसान

दो के बदले सात सीट छोड़ कर Priyanka ने अखिलेश यादव, मायावती और अजीत सिंह का एहसान उतारने का संदेश दिया है। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर से प्रेस वार्ता करा के ऐलान करा दिया कि गठवन्धन ने हमारे लिए दो लोकसभा क्षेत्र (रायबरेली-अमेठी) में प्रत्याशी नहीं उतारा तो हम भी गठवन्धन के नेताओं और उनके परिजनों के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लिया है।
प्रत्याशी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे

राजबब्बर ने बताया कि कांग्रेस ने सपा-बसपा-रालोद गठबन्धन के लिए सात सीटें छोड़ दी है।दो सीटें पीलीभीत और गोंडा हमारे गठवन्धन के साथी अपनादल (कृष्णा पटेल गुट) को दिया गया है।अपनादल के महासचिव पंकज सिंह निरंजन अब कांग्रेस में शामिल हो गये हैं वह कांग्रेस से लड़ेंगे। एक अन्य सहयोगी पार्टी जनाधिकार पार्टी के खाते में 5 सीटें गयीं हैं। अब झांसी, चंदौली, एटा, बस्ती और एक कोई और एक सीट पर जनाधिकार पार्टी कांग्रेस के सहयोग से अपने सिंबल पर लड़ेगी। जबकि गाजीपुर और एक अन्य सीट पर जनाधिकार पार्टी के प्रत्याशी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे।
कांग्रेस प्रत्याशी नहीं उतरेगी।

हालांकि अभी तक जनाधिकार पार्टी के पास निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत कोई चुनाव चिन्ह नहीं है। सपा-बसपा-रालोद द्वारा कांग्रेस के खिलाफ रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी न उतारने के बदले कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध मैंनपुरी, डिम्पल यादव के विरुद्ध कन्नौज, अक्षय यादव के विरुद्ध फिरोजाबाद के अलावा बसपा सुप्रीमों मायावती और रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी जहां से भी लड़ेंगे कांग्रेस वहां से प्रत्याशी नहीं उतरेगी।
कब क्या निर्णय लेगा गांधी-वाड्रा परिवार।

अंतिम चरण तक यदि कोई और राजनैतिक दल कांग्रेस से गठजोड़ न किया तो अब भी कांग्रेस के पास 66 ऐसी लोकसभा सीटें बची है, जहां वह अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतार सकती है।अगले तीन दिन में प्रियंका क्या-क्या करेंगी अपना कार्यक्रम तो जारी कर दिया है लेकिन यह जिम्मेदार कांग्रेसी भी नहीं जानते कि कब क्या निर्णय लेगा गांधी-वाड्रा परिवार।
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