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लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगीं प्रियंका, संगठन को करेंगी मजबूत

locationलखनऊPublished: Feb 13, 2019 06:12:13 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

बहुत जगहों से यह दबाव आ रहा है, लेकिन मैं चुनाव नहीं लडूंगी।

priyanka

लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगीं प्रियंका, संगठन को करेंगी मजबूत

लखनऊ. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी के साथ लखनऊ में रोडशो किया। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि वह उप्र को प्रियंका के हवाले कर रहे हैं। बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- वह 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगीं। बल्कि प्रदेश में संगठन की मजबूती के लिए काम करेंगी।
पूर्वी उप्र के 41 संसदीय क्षेत्रों के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान बुधवार की सुबह पत्रकारों के सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि बैठक के दौरान कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमें अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे का आग्रह किया। बहुत जगहों से यह दबाव आ रहा है, लेकिन मैं चुनाव नहीं लडूंगी।
लखनऊ-रायबरेली और फूलपुर से उठी मांग
कांग्रेस में सक्रिय भूमिका मिलने के बाद से प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग लखनऊ और रायबरेली समेत कई अन्य जिलों से आ रही है। मंगलवार की रात लखनऊ के कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के साथ बैठक में लखनऊ संसदीय सीट से चुनाव लडऩे का अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और हंस कर टाल दिया। फूलपुर लोकसभा सीट के कार्यकर्ताओं ने भी उन्हें फूलपुर से चुनाव लडऩे की गुजारिश की, इसको भी प्रियंका ने खारिज कर दिया। उधर, रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के चुनाव न लडऩे की आशंका के बीच प्रियंका को मैदान में उतरने की मांग पहले से ही रायबरेली के लोग कर रहे हैं।
रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ पर बोलीं-यह सब चीजें तो चलती रहेंगी…
पत्रकारों ने जब रॉबर्ट वाड्रा से ईडी की पूछताछ को लेकर प्रियंका गांधी से सवाल किया और पूछा कि क्या यह सब उनके काम पर असर डालता है, तब इसके जवाब में प्रियंका ने साफ कहा कि यह सब चीजें तो चलती रहेंगी…। मैं बस अपना काम कर रही हूं।
प्रियंका के चुनाव न लडऩे के मायने
प्रियंका गांधी के 2019 के लोकसभा चुनाव को न लडऩे की खास वजह यह मानी जा रही कि उनके मैदान में उतरने से कार्यकर्ताओं में जोश भरने और जीत की रणनीति बनाने वाला कोई और दूसरा नहीं होगा। अभी प्रियंका एक-एक पार्टी कार्यकर्ता से बात कर रही हैं। वे यह बोल भी रही हैं कि संगठन में काफी बदलाव की जरूरत है। यह भी वह कह रही हैं कि अभी उन्हें संगठन के बारे में बहुत कुछ सीखना है। ऐसे में संगठन को छोडकऱ चुनाव लडऩे में जुट जाएगीं तो चुनाव कैसे जीता जाए इसकी रणनीति पर असर पड़ेगा। वैसे भी राहुल गांधी चाहते हैं कि प्रियंका पूर्वी उप्र की 41 सीटों पर फोकस करें। इसलिए भी चुनाव मैदान में नहीं उतर रहीं।
राहुल ही रहेंगे पोस्टर ब्वाय
माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के ही नाम पर लडऩा चाहती है। वह ही कांग्रेस की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार होंगे। वही चुनावों में पोस्टर ब्वाय भी होंगे। जिस तरह प्रियंका यूपी में लांचिग के लिए आयोजित रोडशो में प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक शब्द नहीं बोले सिर्फ राहुल ने ही बयान दिया उसी तरह राहुल के बजाय कहीं प्रियंका के नाम को पार्टियां और लोग आगे न बढ़ाएं इसलिए भी प्रियंका को चुनाव लड़ाकर उनके नाम को आगे बढ़ाने का मौका कांग्रेस नहीं देना चाहती।
…अपने निर्णय पर कायम रह पाएंगी प्रियंका ?
प्रियंका के इस निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या चुनाव न लडऩे के अपने राजनीतिक फैसले पर प्रियंका गांधी अडिग रह पाएंगी। सवाल उठ रहा है कि जब सोनियां गांधी रायबरेली से चुनाव मैदान में नहीं उतरेगी तब क्या होगा। इस बात की आशंका है कि स्वास्थ्यगत कारणों से शायद सोनिया इस बार लोकसभा चुनाव में न उतरें। ऐसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ज्यादा दबाव बढ़ा तो प्रियंका अपनी माताजी की विरासत को संभालने के लिए रायबरेली से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि इस बात की भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि ऐसी स्थिति बनी तो राहुल गांधी अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। और अमेठी से किस वफादार को चुनाव लड़ाया जा सकता है।
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