साल 2000 से ओडिशा में बतौर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक राज कर रहे हैं. हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी ने भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था. नवीन पटनायक के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे रिश्ते हैं. लेकिन भाजपा अब ओडिसा में संगठन का विस्तार करने में लगी हुई है. जिसकी वजह से प्रदेश में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी नवीन पटनायक ही हो सकते हैं.
विधानसभा सीटों के मामले में भाजपा अभी बहुत पीछे है.ओडिसा में कुल 146 विधानसभा सीटें हैं. पिछले चुनाव में नवीन पटनायक की पार्टी को 112 पर जीती थी, जबकि भाजपा ने 23 और कांग्रेस को 9 सीट पर सिमट गई थी. लोकसभा की 21 सीटों में भी BJD ने 12 सीटें जीतीं थीं.
पिछले 22 साल से बीजू जनता दल (BJD) के नवीन पटनायक मुख्यमंत्री है. भाजपा ने उनके गढ़ को भेदने की तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि अब सुनील बंसल को बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं की तैयारी के लिए भेजा गया है.
Telangana, Odisa, West Bengal BJP Incharge सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने के साथ जिन तीन राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है, उनमें ओडिसा और तेलंगाना में विधानसभा तैयारी शुरू हो चुकी है. बीजेपी विधानसभा के चुनावी राज्यों समेत पश्चिम बंगाल का भी अतिरिक्त प्रभार उन्हें दिया गया है. जहाँ संगठन को बूथ कमिटी तक मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया है. अब समझते हैं बीजेपी में सुनील बंसल का क्या रोल रहा है.
२०१४ के लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी से 95 प्रतिशत सीट मिली। जिसकी वजह से केंद्र में बहुमत की सरकार के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी बनें। फिर विधानसभा चुनाव २०१७ में भाजपा ने सुनील बंसल की संगठन में पकड़ देखी, बूथ स्तर तक तेजी से नेटवर्क बनाकर कार्यकर्ताओं को जोड़ने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है. जिससे योगी आदित्यनाथ को पूर्ण बहुमत की सरकार का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला. 2019 लोकसभा चुनाव, फिर 2022 में विधानसभा चुनाव में उनकी प्रमुख भूमिका रही, जिससे भाजपा सरकार रिपीट हो सकी.