scriptये कौन सा शख्स है जिसके आते ही होने लगी आतिशबाजी, मां-बाप की आंखो से छलक पड़े खुशी के आंसू | Kidnaping case of fathepur | Patrika News

ये कौन सा शख्स है जिसके आते ही होने लगी आतिशबाजी, मां-बाप की आंखो से छलक पड़े खुशी के आंसू

locationसीकरPublished: May 24, 2017 11:10:00 am

Submitted by:

dinesh rathore

पहले कंस्ट्रक्शन के काम में घाटा लगने और फिर नोटबंदी के कारण कर्ज में डूबे साजिद ने फतेहपुर से ही किसी के अपहरण का प्लान बनाया था। उसने यहां रहने वाले अपने एक दोस्त से भी इसकी जानकारी ली थी।

पहले कंस्ट्रक्शन के काम में घाटा लगने और फिर नोटबंदी के कारण कर्ज में डूबे साजिद ने फतेहपुर से ही किसी के अपहरण का प्लान बनाया था। उसने यहां रहने वाले अपने एक दोस्त से भी इसकी जानकारी ली थी। ध्रुव का ही अपहरण क्यों किया इसके पीछे भी कई अहम कारण थे। ध्रुव के पिता के संबंध में पता किया तो यह जानकारी मिली कि हाल ही में नया मकान बनाया है। अच्छा पैसा दे सकता है। उसको यह भी पता चल गया था कि ध्रुव की मां और बहन के अलावा घर में कोई नहीं रहता है ऐसे में उसे उठाना आसान होगा। जिस गली में ध्रुव का घर है, उसमें भीड़ नहीं रहती है ऐसे में अगर वारदात के दौरान किसी को पता भी चल जाए तो आसानी से भागा जा सकता है। 
Read:

क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया देख कर डाली ये बड़ी वारदात, पकड़े गए तो हुआ ये बड़ा खुलासा 

इस तरह खुल गई अपराध की परत 

सबसे पहले तो नवलगढ़ में छपा कार्ड ही पुलिस की जांच का आधार बना। पूरे जिले के प्रेस संचालकों से पूछताछ के बाद यह तय हो पाया था कि कार्ड नवलगढ़ में छपा है। वहां की मोबाइल लोकेशन का फतेहपुर से मिलान किया गया, तो कुछ हद तक साजिद के संबंध में पुलिस को जानकारी मिलनी शुरू हो गई थी। डीएसपी रामचंद्र मूंड व शहर कोतवाल महावीर सिंह राठौड़ पूरे मामले की पड़ताल में लगे थे। महावीर सिंह राठौड़ ने सालासर रोड पर स्थित टोल बूथ के फुटेज जांचे तो एक गाड़ी पर कुछ शक हुआ लेकिन इस पर जयपुर के नंबर थे। इसके बाद अजमेर तक टोल बूथ जांचे तो हर बार इस गाड़ी पर अलग नंबर मिलते जिससे यह तय नहीं हो पाया कि गाड़ी की हकीकत में नंबर क्या है। 
आखिर में एक टोल पर गाड़ी पर उसका सही नंबर लगा आया। इससे भी साजिद की पहचान हो गई। फिरौती का फोन आने के बाद तो पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई थी। साजिद को किसी भी तरह की भनक नहीं लगे इसके लिए पुलिस ने उसे उलझाए रखने के लिए एक टीम को फतेहपुर में लगाए रखा। ताकि, वह यह सोचता रहे कि पुलिस अभी तक फतेहपुर में ही उलझी हुई है। सोमवार को उसे बांद्रा स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। उस वक्त ध्रुव भी उसके साथ गाड़ी में था और वह उसे कहीं दूसरी जगह लेकर जाना चाहता था।
ध्रुव के अपहरण के मामले में पुलिस मुंबई की दो महिलाएं यास्मीन व हलीमा को भी अपने साथ हिरासत में लेकर आई है। धु्रव मुंबई में इन दोनों के ही कब्जे में था। इसके अलावा पुलिस फतेहपुर के दो युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई है। जबकि मास्टर माइंड साजिद को गिरफ्तार कर लिया गया है। 
मां पार्वती देवी: पिछले सात दिन बहुत संकट से गुजरे। भगवान पर पूरा भरोसा था कि मेरा लाल सही सलामत आएगा। बार-बार भगवान से भी यही प्रार्थना करती थी। पुलिस पर भी पूरा भरोसा रखा। पुलिस भी मेरे लिए भगवान से कम नहींं है। 
पिता ललित पोद्दार: शहर के हर उस व्यक्ति के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने इस संकट की घड़ी में हमें सहारा दिया। हर पुलिसकर्मीं ने हमारी मदद की। भगवान से रात दिन यही प्रार्थना करते थे कि ध्रुव सुरक्षित हम तक पहुंच जाए। भगवान ने मुराद पूरी कर दी है।
Read:

इस मां को मिला ऐसा जख्म, तीन दिन से भगवान से कर रही विनती, खबर पढ़कर आप भी नहीं रोक पाएंगे आंसू 

स्वागत में शहर ने बिछाए पलक पांवड़े 

ध्रुव के स्वागत के लिए मंगलवार को पूरा फतेहपुर पलक पांवड़े बिछाए बैठा था। हालांकि, पुलिस पहले ध्रुव को लेकर सालासर मंदिर पहुंची। यहां पूजा अर्चन के बाद ध्रुव को लेकर पुलिस फतेहपुर पहुंची। उसके साथ उन जांबाज पुलिस अफसरों का भी स्वागत किया गया, जिन्होंने इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाई। शहर के सैंकड़ों लोगों फूल मालाएं लेकर कोतवाली के बाहर जमा थे। शाम से ही ये लोग ध्रुव व पुलिस टीम का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही ध्रुव को लेकर कोतवाल महावीर सिंह राठौड़ यहां पहुंचे तो लोगों ने शानदार आतिशबाजी की। सैकड़ों लोगों ने पुष्पवर्षा की। 
Read:

फतेहपुर में ज्वैलर व्यवसायी के 13 साल के बेटे का अपहरण

 

सहमा ध्रुव बस यही बोल पाया…

बाईपास से मुझे ले गए। यहां पर मुझे जूस पिलाया इसके बाद मुझे कुछ भी पता नहीं है। मेरी नींद खुली तो मैं एक घर में था। इन लोगों ने मेरे साथ कोई दुव्र्यवहार नहीं किया। एक दिन पापा से बात भी करवाई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो