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अटेवा मंच का कहना है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त हो जाने से 1 अप्रैल 2005 के बाद सेवा में आने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। क्योंकि पेंशन ही बुढ़ापे का सहारा होती है। इसे भी सरकार ने छीन लिया है। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के नेतृत्व में गुरुवार को गांधी प्रतिमा जीपीओ से एनपीएस की शव यात्रा निकाली गई। जो कि जीपीओ से प्रारम्भ होकर जवाहर भवन, इंदिरा भवन होते हुए बैकुण्ठधाम पहुंची और यहां एनपीएस का पुतला फूंका गया।
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इस प्रदर्शन में जवाहर भवन और इंदिरा भवन में अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों ने भी विरोध में हुए। इसके बाद जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया। अटेवा ने 13 लाख कर्मचारियों के साथ न्याय करने की मांग उठाई।
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अटेवा ने सरकार के सामने प्रश्न उठाया कि सांसद और विधायक पेंशन का हकदार है, तो शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी पेंशन के हकदार क्यों नहीं है। वहीं पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पुरानी पेंशन लागू है, तो उत्तर प्रदेश में पेंशन व्यवस्था को क्यों खत्म किया गया