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धारा 144 भी बेअसर, लखनऊ के ‘शाहीनबाग’ में लगातार बढ़ रही भीड़, प्रदर्शनकारी से ज्यादा पहुंची पुलिस, ऐसा है वहां का नजारा

locationलखनऊPublished: Jan 20, 2020 02:46:35 pm

दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में भी सैकड़ों महिलाओं का प्रदर्शन जारी है…

धारा 144 भी बेअसर, लखनऊ के 'शाहीनबाग' में लगातार बढ़ रही भीड़, प्रदर्शनकारी से ज्यादा पहुंची पुलिस, कुछ ऐसा है वहां का नजारा

धारा 144 भी बेअसर, लखनऊ के ‘शाहीनबाग’ में लगातार बढ़ रही भीड़, प्रदर्शनकारी से ज्यादा पहुंची पुलिस, कुछ ऐसा है वहां का नजारा

लखनऊ. दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में भी सैकड़ों महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार दोपहर तीन बजे से तकरीबन 80 घंटे बाद भी प्रदर्शन स्थल पर महिलाएं डेरा डाले हुए हैं। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पहली बार लखनऊ में धारा 144 लगाई गई, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं दिख रहा, क्योंकि घंटाघर पर लगातार नेताओं का आना-जाना लगा है और महिलाओं की भीड़ भी बढ़ रही है। जाड़े की सर्द रातों में महिलाएं खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठी हैं। सरकार के खिलाफ नारेबाजी के बीच लोगों को जानबूझकर परेशान करने के आरोप लगाया जा रहे है। प्रशासन उम्मीद लगा रहा था कि सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने के चलते महिलाएं वहां से वापस लौट जाएंगी, लेकिन सोमवार सुबह भी महिलाएं धरने पर बैठी रहीं।

प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पुलिसकर्मी डटे

प्रदर्शन में कई इलाकों से महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर रखा है। इस बीच एक अजीबोगरीब नजारा भी देखने को मिला जिसमें कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल दिए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह ऐसा इसलिए कर रही हैं, ताकि पुलिस-प्रशासन को यह पता चले कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। वह लोग कोई हिंसा नहीं करेंगे। फिलहाल घंटाघर के आसपास प्रदर्शनकारी महिलाओं से कहीं ज्यादा पुलिसवाले डेरा जमाए हुए हैं। यहां पीएसी और आरएएफ बल को भी तैनात कर किया गया है। इसके अलावा बाहर से भी पुलिस बल को बुलाया गया है। वहीं प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए चारों तरफ जो रस्सियां बांध रखी थीं, उसे भी पुलिस ने रस्सियां हटवा दिा। जिसका महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। इसके बाद महिलाएं चारों तरफ घेरा बनाकर बैठ गईं और नारेबाजी करती रहीं।

हम हिंदुस्तान की मिट्टी से बने…

औरतों की इस भीड़ में तमाम बूढ़े, जवान, बच्चे सब नजर आए। प्रदर्शन में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें जानकारी नहीं थी कि वे क्यों प्रर्दशन कर रही है। इन महिलाओं ने बताया कि उन्हें फोन करके बुलाया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को टेंट लगाने की इजाजत नहीं दी। महिलाओं का इल्जाम है कि उनके घरों से आए कंबल भी पुलिस ने छीन लिए। इस मुद्दे पर हुए विवाद के बाद पुलिस ने कहा कि उन्होंने कंबल इसलिए सीज किए ताकि भीड़ ना इकट्ठी हो पाए। इसपर प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि उनके कंबल ले जाने से, या जो भी वे प्रताड़ित कर रहे हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। क्योंकि हम लोग हिंदुस्तान से बिलांग करते हैं। यहां कि मिट्टी में इतनी ताकत है कि हमें कोई हिला नहीं सकता।
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