प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पुलिसकर्मी डटे प्रदर्शन में कई इलाकों से महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर रखा है। इस बीच एक अजीबोगरीब नजारा भी देखने को मिला जिसमें कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल दिए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह ऐसा इसलिए कर रही हैं, ताकि पुलिस-प्रशासन को यह पता चले कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। वह लोग कोई हिंसा नहीं करेंगे। फिलहाल घंटाघर के आसपास प्रदर्शनकारी महिलाओं से कहीं ज्यादा पुलिसवाले डेरा जमाए हुए हैं। यहां पीएसी और आरएएफ बल को भी तैनात कर किया गया है। इसके अलावा बाहर से भी पुलिस बल को बुलाया गया है। वहीं प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए चारों तरफ जो रस्सियां बांध रखी थीं, उसे भी पुलिस ने रस्सियां हटवा दिा। जिसका महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। इसके बाद महिलाएं चारों तरफ घेरा बनाकर बैठ गईं और नारेबाजी करती रहीं।
हम हिंदुस्तान की मिट्टी से बने… औरतों की इस भीड़ में तमाम बूढ़े, जवान, बच्चे सब नजर आए। प्रदर्शन में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें जानकारी नहीं थी कि वे क्यों प्रर्दशन कर रही है। इन महिलाओं ने बताया कि उन्हें फोन करके बुलाया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को टेंट लगाने की इजाजत नहीं दी। महिलाओं का इल्जाम है कि उनके घरों से आए कंबल भी पुलिस ने छीन लिए। इस मुद्दे पर हुए विवाद के बाद पुलिस ने कहा कि उन्होंने कंबल इसलिए सीज किए ताकि भीड़ ना इकट्ठी हो पाए। इसपर प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि उनके कंबल ले जाने से, या जो भी वे प्रताड़ित कर रहे हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। क्योंकि हम लोग हिंदुस्तान से बिलांग करते हैं। यहां कि मिट्टी में इतनी ताकत है कि हमें कोई हिला नहीं सकता।