बाद में 8 लेन का हो सकता है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अभी 6 लेन, बाद में 8 लेन भी हो सकता है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा जो गाजीपुर में NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव पर खत्म होगा। ये गाँव यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किलोमीटर पहले पड़ता है। ये एक्सप्रेस-वे अभी 6 लेन का बनाया गया है, जिसे भविष्य में 8 लेन भी किया जा सकता है। दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे। यूपी सरकार के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में इसका काम शुरू हुआ था और तीन साल में इसे पूरा कर लिया गया।
महज़ 4 घण्टे में तय होगा 341 किलोमीटर का सफर एक अनुमान के मुताबिक, 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा। इस एक्सप्रेस-वे से सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा। लेकिन बाद में टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा। यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा। माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे (Lucknow-Agra Expressway) की दरों के आसपास ही रखी जाएगी।
अभी नहीं मिलेंगी सुविधाएँ लेकिन इन बातों का रखना होगा ध्यान पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तो तैयार हो गया है और इस पर आज से ही आवाजाही शुरू हो जाएगी। लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं यहां नहीं हैं। 341 किलोमीटर के सफर में ना तो रास्ते में पेट्रोल मिलेगा ना ही टॉयलेट और अगर गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, खाने-पीने की भी व्यवस्था अभी नहीं हुई है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इनके इंतजाम किए जा रहे हैं। UPEIDA का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पंप और 4 जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं।
22 हजार 497 करोड़ रुपये हुए खर्च, 9 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होगा और गाजीपुर तक पहुंचेगा। इसे बनाने में 22 हजार 497 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। ये एक्सप्रेस-वे 9 जिलों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर निकलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से इसकी आधारशिला रखी थी।
लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे इस एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे। इसके लिए सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी और 34 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी भी तैयार की गई है। जरूरत पड़ने पर वायुसेना इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए कर सकती है।