सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त मुख्यमंत्री ने पीएम की सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) यूपी में भारत का ग्रोथ इंजन बनने का प्रमाण है। एक्सप्रेस-वे इसका भी प्रमाण है कि डबल इंजन की सरकार कैसे कार्य करती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्वी यूपी के नौ जिलों के साथ ही बिहार के लिए भी महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का बैकबोन कहे जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को राष्ट्रपति को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जुलाई वर्ष 2018 में एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। 19 माह के कोराना काल खंड के बाद भी 341 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे 36 माह में बनकर तैयार हुआ है। एक्सप्रेस-वे पूर्वी उप्र के करीब आठ करोड़ जनमानस के विकास व उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पूर्वी उप्र को एक्सप्रेस-वे जोड़ेगा।
जानें एक्सप्रेस वे की खासियत
ऐसे पूरा होगा सफर – गाजीपुर से लखनऊ- 4 से 4.30 घंटे– लखनऊ से आगरा- 3 से 3.30 घंटे
– आगरा से नोएडा- 2 से 2.30 घंटे हर पुलिस चौकी के पास हैलीपैड
यूपीडा सीईओ के अनुसार, हर पुलिस चौकी के पास हेलीपैड बनाए जाएंगे। फिलहाल इस पर टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। एक्सप्रेस वे की खास बात यह कि इस पर 3.41 मीटर की एयर स्ट्रिप भी बनाई गई है। इस एक्सप्रेस-वे के रूट पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 6 टोल, 5 रैंप पास और 7 अंडरपास हैं। इसके अलावा 118 छोटे पुल और 502 पुलिया हैं। फिलहाल एक्सप्रेस-वे को 6 लेन का बनाया गया है, जिसका विस्तार 8 लेन तक किया जा सकता है।
हर पैकेज पर दो एंबुलेंस की गाड़ियां हर पैकेज पर 112 की गाड़ियां मौजूद रहेंगी। साथ ही हर पैकेज पर दो एंबुलेंस की गाड़ियां भी मौजूद रहेंगी। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर 8 पेट्रोल पंप शुरू किए जाएंगे। सीएनजी स्टेशन भी लगाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्ज स्टेशन भी बनाया जाएगा।