Pushkar Singh Dhami was active student of Lucknow University- पुष्कर सिंह धामी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के इकाई अध्यक्ष थे। पढ़ाई के साथ ही वह छात्र राजनीति में भी सक्रिय थे।
Pushkar Singh Dhami was active student of Lucknow University
लखनऊ. Pushkar Singh Dhami was active student of Lucknow University. उत्तराखंड के होने वाले नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) का राजधानी लखनऊ से गहरा नाता रहा है। पुष्कर सिंह धामी लखनऊ विवि के छात्र रहे हैं। उन्होंने यहां से बीए किया है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने ट्वीट कर अपने पूर्व छात्र के मुख्यमंत्री बनने पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। पुष्कर सिंह धामी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के इकाई अध्यक्ष थे। पढ़ाई के साथ ही वह छात्र राजनीति में भी सक्रिय थे। छोटी से छोटी बात को उठाकर उसे एक मुद्दे के तौर पर पूरा करने वाले धामी दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। धामी लखनऊ विश्वविद्यालय के दूसरे ऐसे छात्र हैं जो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे। इससे पहले यहां के छात्र रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे।
लविवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और महामंत्री रहे दयाशंकर सिंह ने कहा कि पुष्कर सिंह अपने स्वभाव से सबके प्रिय रहे। वह हॉस्टल के कमरा नंबर 119 में रहते थे। वहीं से पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति के गुर सीखे। शाम को हॉस्टल में बैठकर राजनीति पर चर्चा होती थी। विवि में ही संघ की शाखा लगाते थे। छात्रों से जुड़े मुद्दे उठाए जाते थे। अपनी दूरदर्शी सोच की वजह से धामी दोस्तों के बीच चर्चा में रहते थे।एबीवीपी को बढ़ाने और छात्र हित के लिए लगे रहते थे। पूर्व छात्र अनिल सिंह वीरू के मुताबिक पुष्कर सिंह धामी ने जब 1994 में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया। उस समय नागेंद्र मोहन एबीवीपी का प्रभार देखते थे। उस समय सपा और एबीवीपी ही छात्र संघ की सक्रिय राजनीति में थी।
सबसे मिलजुल कर रहते थे धामी 1994 में धामी ने बीए में प्रवेश लिया। प्रवेश लेने के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए थे। इकाई अध्यक्ष से लेकर उन्होंने संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया। लविवि के पूर्व छात्र व धामी के साथ एबीवीपी में रहे दीपक अग्निहोत्री कहते हैं कि पुष्कर सिंह धामी का स्वभाव काफी सरल था। वह सभी से मिलजुल कर रहते थे। विरोधी भी उनके इस स्वभाव के कायल हुआ करते थे। उस जमाने में परिसर में छात्र राजनीति काफी सक्रिय थी और वह पढ़ाई के बाद के समय में इसको पूरा समय देते थे।
कैंटीन में होती थी चाय पर चर्चा दीपक अग्निहोत्री ने पुराने दिनों को साझा करते हुए कहा कि अक्सर कैंटीन में छोले-चावल और चाय के बीच लंबी राजनीतिक चर्चाएं होती थीं। भाजपा नेता व लविवि के पूर्व छात्र तरुण कांत त्रिपाठी, रमारंजन उपाध्याय, डॉ.नीलेश सिंह व अन्य ने भी धामी के मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जताई है।