यूपी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने ही बस्ती और देवरिया जिले में कागजों में ही 200 सड़कें बनाकर करोड़ों का भुगतान करा लिया। अधिकारियों ने मिलीभगत करके सौंदर्यीकरण और पैच वर्क के नाम पर राज्य कोष को लगभग 50 करोड़ रुपये का चूना लगाया। इसमें नियमों को दरकिनार करते हुए बस्ती में करीब 40 करोड़ की धनराशि का एक मद से दूसरे मद में डायवर्जन किया गया। वहीं देवरिया में रोड सेफ्टी और स्पीड ब्रेकर के लिए शासन की ओर से 10 करोड़ दिया गया था, लेकिन फंड दूसरे मद में खर्च कर दिया गया। यही नहीं, लगभग 10 करोड़ रुपये ऐसे कामों पर खर्च में दिखाए गए हैं, जो शासन से स्वीकृत ही नहीं थे। बस्ती जिले में हुए सड़क घोटाले में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन आलोक रमण दोषी हैं। वहीं इसके अलावा 16 जूनियर इंजीनियर, 2 सहायक अभियंता और एक अकाउंटेंट दोषी पाए गए हैं। इन सभी पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।