इनके तबादले की भी खबर यानी जो 150 असिस्टेंट कमिश्ननर मौबाइल यूनिटों में तैनात हैं उनको खण्ड कार्यालय और खण्ड कार्यालयों के अधिकारियों को मोबाइल में भेजा जाएगा। इनमें 50 से ज्यादा वे असिस्टेंट कमिश्नर भी शामिल हैं, जिनका जिले में तीन साल पूरा हो गया है, उनको जिले से बाहर भेजा जाएगा। इन ताबदलों पर अधिकारियों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि अगर ये बात सही है और असिस्टेंट कमिश्नरों की तैनाती में फेरबदल करने पर विचार चल रहा है, तो डिप्टी कमिश्नरों और सीटीओ संवर्ग के अधिकारियों को इधर से उधर क्यों नहीं किया जा रहा है। जबकि विभाग में कई डिप्टी कमिश्नर ऐसे हैं जिनका कार्यकाल पूरा हो गया है। हालात ये हैं कि इतने बड़े स्तर पर तबादलों की खबरों के चलते इस समय एक ही विभाग में अधिकारियों को दो खेमों में बांट दिया गया है।
सवाल, आखिर क्यों हुए तबादले इस पूरे मामले मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सत्र के बीच अचानक विभाग में इतने बड़े स्तर पर फेरबदल की वजह क्या है। जबकि इस समय सभी तरह की जाचों पर रोक है और व्यापारियों को नोटिस जारी करने का काम भी बंद है। साथ ही साथ चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश के 12 मई 2020 के स्थानांतरण पर रोक का आदेश अभी भी प्रभावी है। साथ ही इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा भी साल 2020-21 के लिए इन्हीं आधारों पर स्थानांतरण पर रोक लगाई है। तो फिर वाणिज्यकर विभाग में ऐसा कौन सा आपातकाल लागू हो गया है कि इस तरह से अचानक तबादले करने पड़ रहे हैं।
तबादलों पर चल रही रोक सवाल ये भी खड़े हो रहे हैं कि जब 12 मई को मुख्य सचिव के द्वारा जारी आदेश जिसमें कुछ विशेष मामलों को छोड़कर बाकी सभी तबादलों पर रोक लगाए जाने संबंधी जो आदेश जारी किये गए थे। क्या उसमें कोई ढील दे दी गई है। जिसके चलते शासन स्तर से ये तबादले शुरू हो गए हैं। इस संबंध में विभाग के आलाधिकारारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि सारे तबादले नियमों के मुताबिक हो रहे हैं। किसी भी तरह से नियमों की अनदेखी नहीं की जा रही।
अधिकारियों में संशय लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सचल दल अधिकारियों को विभाग द्वारा वाहन का आवंटन होने के कारण सभी स्थानों पर सचल दल के अधिकारियों की कोरोना के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों पर ड्यूटी लगाई गई है। अब अगर सत्र के बीच में इन अधिकारियों को हटाकर नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है तो प्रशासन को नए सिरे से सभी ड्यूटियों को पुनर्निधारित करनी पड़ेंगी। ऐसे में इतने बड़े स्तर पर तबादला होने के चलते अधिकारियों में संशय का माहौल है। उका कहना है कि अचानक ऐसी कौन सि विपदा आन पड़ी कि विभाग में एक साथ इतने ट्रांसफर करने पड़ रहे हैं।