खड़े हुए कई सवाल विकास दुबे को उज्जैन से सफारी गाड़ी में कानपुर लाया जा रहा था, लेकिन एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने बताया कि विकास दुबे टीयूवी गाड़ी में बैठा था, जो पलट गई थी। जिसके बाद गाड़ी बदलने को लेकर कानपुर पुलिस और एसटीएफ पर कई सवाल खड़े होने लगे। जिसके बाद एसटीएफ ने बताया कि विकास दुबे को 3 सरकारी गाड़ियों में अदल-बदल कर ला रहे थे। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच भी कराई जा रही है।
15 मिनट में कैसे हुआ एनकाउंटर विकास दुबे के एनकाउंटर पर एक सवाल ये भी है कि आखिर कैसे केलव 15 मिनट में एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस ने मीडिया की गाड़ियों को 15 मिनट के लिए रोका था। इसके बाद जब मीडिया की गाड़ी आगे बढ़ी तो देखा गया कि एसटीएफ की एक गाड़ी पलटी पड़ी है। जिसपर दावा किया गया कि इसी गाड़ी में विकास दुबे बैठा था। एसटीएफ ने बताया कि गाय-भैंस के झुंड के कारण गाड़ी पलट गई। जिसके बाद विकास दुबे पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग कर दी। सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें विकास दुबे मारा गया।