लखनऊ

कानपुर एनकाउंटर पर उठे सवाल, गाड़ी कब बदली, पैर में रॉड के बावजूद आखिर कैसे भागा विकास दुबे?

एनकाउंटर की एफआईआर में एसटीएफ ने लिखा है कि रक्षा और सुविधा को देखते हुए विकास दुबे को तीन सरकारी गाड़ियों में अदलते बदलते उज्जैन से कानपुर आ रहे थे।

लखनऊJul 15, 2020 / 05:02 pm

नितिन श्रीवास्तव

कानपुर एनकाउंटर पर उठे सवाल, गाड़ी कब बदली, पैर में रॉड के बावजूद आखिर कैसे भागा विकास दुबे?

कानपुर. विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई सवाल खड़े हुए। मुख्य रूप से बार-बार गाड़ियों को बदलने को लेकर यूपी पुलिस और एसटीएफ से कई सवाल पूछे जा रहे हैं। एनकाउंटर की एफआईआर में एसटीएफ ने लिखा है कि रक्षा और सुविधा को देखते हुए विकास दुबे को तीन सरकारी गाड़ियों में अदलते बदलते उज्जैन से कानपुर आ रहे थे। वहीं अब पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल उठ रहे हैं। पहला आखिर गाड़ी कब बदली गई, जिसका जवाब एसटीएफ ने अपनी एफआईआर में देने की कोशिश की है। इसके अलावा पैर में रॉड के बावजूद विकास दुबे कैसे भागा। गाड़ी का एक भी शीशा नहीं खुला तो विकास बाहर कैसे निकला।
खड़े हुए कई सवाल

विकास दुबे को उज्जैन से सफारी गाड़ी में कानपुर लाया जा रहा था, लेकिन एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने बताया कि विकास दुबे टीयूवी गाड़ी में बैठा था, जो पलट गई थी। जिसके बाद गाड़ी बदलने को लेकर कानपुर पुलिस और एसटीएफ पर कई सवाल खड़े होने लगे। जिसके बाद एसटीएफ ने बताया कि विकास दुबे को 3 सरकारी गाड़ियों में अदल-बदल कर ला रहे थे। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच भी कराई जा रही है।
15 मिनट में कैसे हुआ एनकाउंटर

विकास दुबे के एनकाउंटर पर एक सवाल ये भी है कि आखिर कैसे केलव 15 मिनट में एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस ने मीडिया की गाड़ियों को 15 मिनट के लिए रोका था। इसके बाद जब मीडिया की गाड़ी आगे बढ़ी तो देखा गया कि एसटीएफ की एक गाड़ी पलटी पड़ी है। जिसपर दावा किया गया कि इसी गाड़ी में विकास दुबे बैठा था। एसटीएफ ने बताया कि गाय-भैंस के झुंड के कारण गाड़ी पलट गई। जिसके बाद विकास दुबे पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग कर दी। सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें विकास दुबे मारा गया।
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