कांग्रेस उपाध्यक्ष व अमेठी सांसद राहुल गांधी कई महीने बाद अपने संसदीय क्षेत्र आएंगे। 30 सितम्बर को एसपीजी निदेशक की तरफ से अमेठी जिला प्रशसन को सूचना दी गई कि सांसद राहुल गांधी का 4 से 6 अक्टूबर तक भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके जवाब में अमेठी के डीएम योगेश कुमार और एसपी पूनम की तरफ से कांग्रेस के अमेठी जिला अध्यक्ष को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि दुर्गा पूजा, दशहरा एवं मोहर्रम का त्योहार 5 अक्टूबर तक जनपद के कई स्थानों पर संपन्न होगा। इसे देखते हुए शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले का अधिकांश पुलिस बल ड्यूटी में व्यस्त रहेगा।
प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने अमेठी डीएम के इस पत्र का विरोध किया था।कांग्रेस के नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार राहुल को अमेठी जाने से रोकने के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश सरकार को आशंका है कि राहुल जनता से सीधे तौर पर जुड़े मुद्दे उठाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी ट्वीट किया था कि योगी सरकार राहुल के दौरे से डर गई है इसी कारण दौरा टालने की अपील की जा रही है।
मोदी-योगी पर निशाना साधेंगे राहुल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से यूएस से लौटने के बाद काफी आक्रामक रुख में नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों गुजरात दौरे पर भी उन्हें लोगों का काफी समर्थन मिला था। ऐसे में अमेठी से पीएम मोदी व सीएम योगी पर निशाना साधने का मौका वे नहीं चूकेंगे। बीजेपी सरकार इन दिनों तमाम सवालों के घेरे में है। पार्टी के सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा ने भी लेख लिखकर पार्टी पर निशाना साधा था। ऐसे में राहुल अपने सांसदीय क्षेत्र से सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे।
अमेठी को है राहुल का इंतजार पिछले कई महीनों से राहुल न ही अमेठी आए हैं और न ही अपने भाषणों में अमेठी का जिक्र किया है। ऐसे में उनके लोकसभा क्षेत्र में ये बात तेजी से फैल रही है कि राहुल अमेठी से इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस के नए अध्यक्ष होंगे। ऐसे में सोनिया गांधी की सीट पर वह ही उनकी विरासत संभालेंगे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हर कोई इस बात पर बोलने से इंकार कर रहा है। बीते दिनों जब राहुल गांधी यूपी आए तो उन्होंने अमेठी जाने की बजाय लखनऊ में लोगों से बात की और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दफ्तर में जाकर हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों की समस्या बताई। फिर वे लखनऊ से ही लौट आए।