लखनऊ

काशी-कुंभ जाएंगे राहुल, यूपी में भी साफ्ट हिदुंत्व पर रहेगा जोर..कांग्रेस खेमे से आई बड़ी खबर

काशी-कुंभ जाएंगे राहुल, यूपी में भी साफ्ट हिदुंत्व पर रहेगा जोर..कांग्रेस खेमे से आई बड़ी खबर
 

लखनऊJan 14, 2019 / 03:19 pm

Ruchi Sharma

काशी-कुंभ जाएंगे राहुल, यूपी में भी साफ्ट हिदुंत्व पर रहेगा जोर..कांग्रेस खेमे से आई बड़ी खबर

महेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ. उप्र में सपा-बसपा गठबंधन के बाद कांग्रेस के नेता असमंजस में हैं। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस के बिना गठबंधन नहीं होगा। समझौते के बाद गठबंधन के के प्रति कांग्रेस का रवैया नरम है। कांग्रेसी कह रहे हैं कि सपा-बसपा साथ नहीं आना चाहते तो क्या कर सकते हैं…। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बयान दिया है। उनका कहना है कि सपा-बसपा ने कांग्रेस को कमतर आंकने की भूल की है। कांग्रेस प्रभारी गुलाब नबी आजाद ने दावा किया है कि पार्टी 80 में 42 सीटें जीतेगी। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी में 12 रैलियां करेंगे। राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में भी सॉफ़्ट हिंदुत्व की नीति अपनाएंगे। इसलिए उनके कार्यक्रमों में काशी विश्वनाथ मंदिर और कुंभ को शामिल किया गया है।
 

2 फरवरी से रैलियों की शुरुआत

 

राहुल गांधी फरवरी में उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरे करेंगे। उनकी पहली रैली 2 या 3 फरवरी को रमाबाई स्थल, लखनऊ में होगी। कार्यकर्ताओं को इस रैली में कम से कम 10 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। गुलाब नबी आजाद के मुताबिक पश्चिमी उप्र, अवध,पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में राहुल की एक दर्जन से अधिक रैलियां होंगी। रैलियों के दौरान यह कोशिश होगी कि राहुल गांधी को स्थानीय मंदिरों में भी ले जाया जाए।
 

कांग्रेस सेवादल के बहाने कुंभ यात्रा

 

प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी को कुंभनगरी प्रयागराज में भी ले जाने की योजना बनायी है। हालांकि राहुल कांग्रेस सेवादल कैंप का दौरा करेंगे। सेवादल ने यहां अपना स्टाल लगाया है। इसके अलावा राहुल गांधी को काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन कराने की भी तैयारी है। माना जा रहा है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद ही राहुल गांधी यूपी में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।
 

छोटे दलों पर कांग्रेस की नजर

 

हिंदुओं को रिझाने की कोशिशों के साथ ही कांग्रेस की नजर प्रदेश उप्र के छोटे-छोटे दलों पर भी है। इनके साथ गठजोड़ की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। भाजपा से यदि सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी का समझौता नहीं होता है तो कांग्रेस इनसे समझौता कर सकती है। इसके अलावा अपना दल (कृष्णा पटेल), पीस पार्टी और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी लोहिया पार्टी (पीएसपीएल) पर भी कांग्रेस डोरे डाल रही है।
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