रेलवे अस्पताल बंद करने पर विचार रेल मंत्रालय लंबे समय से घाटे में चल रहा है। कोरोना वायरस (Covid-19) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) और फिर रेल संचालन कुछ समय के लिए बंद होने से रेलवे अधिकारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। इस घाटे को उबारने के लिए रेल मंत्रालय नित नए नियम उपाय कर रहा है। मंत्रालय अब आगत कम होने और लागत अधिक होने के कारण रेलवे अस्पतालों को बंद करने वाला है। यहां पर सभी चिकित्सकीय सुविधा नहीं होने और खर्च अधिक होने को लेकर रेलवे बोर्ड रेलवे इनको बंद करने पर विचार कर रहा है।
रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर (वेलफेयर) आशुतोष गर्ग ने चार अगस्त को देश के सभी रेलवे जोनल और रेल मंडल के अधिकारियों को पत्र भेज दिए हैं, जिसमें कहा है कि रेलवे अस्पताल को बंद पर विचार किया जा रहा है। इसके स्थान पर रेल कर्मचारियों व उसके परिवार वालों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
हेल्थ इंश्योरेंस योजना होगी लागू रेलवे अस्पताल बंद करने के एवज में कर्मचारियों को किसी भी अस्पताल में इलाज कराने की छूट दी गई है। हालांकि, उन्हें ज्यादा परेशानी न हो, इसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस योजना लागू की जाएगी, जिसमें इलाज कराने की अनलिमिटेड छूट होगी। रेल कर्मचारी देश के किसी भी बड़े अस्पताल में जाकर अपना या परिवार वालों का इलाज करा पाएंगे। निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों से अनुमति लेने की आवश्यता नहीं होगी। अपर मंडल रेल प्रबंधक एमएस मीना ने बताया कि रेलवे बोर्ड से पत्र आने के बाद मंडल रेल प्रशासन की ओर से सुझाव भेज दिए हैं। बोर्ड के अगले आदेश पर ही कॢमयों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस योजना शुरू की जाएगी।