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स्वरोजगार के लिये सरकार की वित्त पोषण योजनाओं का लाभ लें- सिद्धार्थनाथ सिंह

locationलखनऊPublished: Jul 31, 2021 05:02:27 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

बाजार की मांग के अनुसार नयी डिजाइन के गुणवत्तायुक्त परिधान तैयार करें-आनंदीबेन पटेल

स्वरोजगार के लिये सरकार की वित्त पोषण योजनाओं का लाभ लें- सिद्धार्थनाथ सिंह

स्वरोजगार के लिये सरकार की वित्त पोषण योजनाओं का लाभ लें- सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन के गांधी सभागर में राजभवन के 32 बच्चों को आस्मा हुसैन इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा दी गयी स्किल डेवलेपमेंट ट्रेनिंग चिकनकारी एवं ड्रेस मेकिंग प्रशिक्षण की समाप्ति पर बच्चों को प्रमाण-पत्र तथा सिलाई मशीन प्रदान की। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने बताया कि राजभवन में चिकनकारी की ट्रेनिंग के लिए राज्य सरकार व उद्यमिता विकास संस्थान के सहयोग से तीन माह का प्रशिक्षण शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि हर बच्चे की कुछ न कुछ सीखने की इच्छा होती है। राजभवन के बच्चों की इच्छापूर्ति का माध्यम राजभवन बना है। प्रशिक्षण प्राप्त करने से बच्चों का उत्साहवर्द्धन तो हुआ ही है इसके साथ ही वे रचनात्मक दिशा में भी अब और आगे बढ़ने का काम करेंगे।
राज्यपाल ने प्रशिक्षाणार्थियों से कहा कि वे प्रशिक्षण प्राप्त कर घर में न बैठें बल्कि बाजार की मांग के अनुसार नयी डिजाइन के गुणवत्तायुक्त परिधान तैयार करें। ऐसा करने से उनकी आमदनी बढ़ेगी तथा वे आत्मनिर्भर होंगी। उन्होंने कहा कि आप सभी को कम्प्यूटर पर नवीनतम डिजाइन तैयार करने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में महिलाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय थी लेकिन अब साक्षरता बढ़ने से तेजी से बदलाव आ रहा है। महिलाओं में स्वावलंबन की भावना जगी है, इसमें स्वयं सहायता समूह अभियान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नयी शिक्षा नीति में भी कक्षा 6 से हुनर सीखने की व्यवस्था है। इससे आगे चलकर बच्चों के जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव एवं आत्म विश्वास आयेगा।
उत्तर प्रदेश के एम0एस0एम0इ0 विभाग के मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के प्रोत्साहन वाले कार्यों से बच्चों में जागरूकता होती है। यह एक सामाजिक चिंतन प्रकिया का प्राकट्य है। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं एवं बालिकाओं से अपील की कि वे प्रशिक्षण प्राप्त कर घर पर न बैठें। बल्कि अपने हुनर को और निखारें तथा स्वरोजगार के लिये सरकार की वित्त पोषण योजनाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा कि सरकार आप सभी को ब्रांडिंग पैकेजिंग तथा विपणन की सुविधा देगी। उचित होगा कि आप सभी महिला समूहों के माध्यम से आगे बढ़े, स्वयं स्वावलंबी बनें तथा अन्य को भी रोजगार दें। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि ग्राम पंचायत स्तर पर उद्यमी पैदा हों। सरकार उन्हें प्रशिक्षण देकर अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास करेगी।एम0एस0एम0इ0 के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से महिलायें सक्षम बनने के साथ-साथ उनका आत्म विश्वास बढ़ता है तथा परिवार की आमदनी बढ़ाने में सहायक बनती हैं।
उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 कार्यक्रम का उद्देश्य है कि परम्परागत उद्योग एवं उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने बताया कि हमारे परम्परागत उद्यम समाप्त हो रहे हैं। ओ0डी0ओ0पी योजना उन्हीं को वापस लाने की मुहिम है, जिसमें हम कामयाब हो रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हम ओ0डी0ओ0पी0 के माध्यम से परिवारों को जोड़ें। उनकी आमदनी बढ़ाये तथा उनमें स्वावलंबन को बल मिले। डा0 सहगल ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों के विक्रय हेतु ट्रेडिशनल तथा हुनर हाटों के माध्यम से प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से भी बाजार व्यवस्था का लाभ उठाया जा सकता है। आज 35 हजार से अधिक कारीगर अमेजॉन तथा फ्लिपकार्ट की सेवायें ले रहे हैं।
सहगल ने बताया कि विगत दो साल में ओ0डी0ओ0पी0 के माध्यम से 57 जिलों से उत्पाद बाजार में आ चुके हैं तथा 70,000 से अधिक कारीगरों को सुविधा प्रदान की गयी है। आज आर्थिक रूप से कमजोर कारीगरों को 22 कामन फैसिलिटी सेंटर के माध्यम से आवश्यकतानुसार सुविधायें दी जा रही हैं और सरकार का प्रयास है कि जिन्होंने हुनर सीखा है उन्हे आगे भी कोई दिक्कत न हो, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चत की जायेगी। आस्मा हुसैन इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी लखनऊ की चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर आस्मा हुसैन ने तीन महीने के कार्यक्रम की रिपोर्ट आडियो विजुअल प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके द्वारा ऐसे लोगों को सिखाया गया है, जिन्हें घर के काम के अलावा कुछ नहीं आता था, उन्हें सिलाई-कढ़ाई का हुनर सिखाया। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की प्रदर्शनी की लगायी गयी, जिसको देखकर राज्यपाल जी ने उनके कार्यों की प्रशंसा की।

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