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राज्यसभा चुनाव-राजा भैया की मदद से बीजेपी की झोली में जा सकती है नौंवीं सीट, जानिए कैसे?

locationलखनऊPublished: Mar 11, 2018 05:58:22 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

इस सीट के लिए बीजेपी के पास 28 विधायकों के वोट हैं।
 

Raja Bhaiya
लखनऊ. कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। राज्यसभा चुनाव में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका क्या होगी वह मायावती का साथ देंंगे या बीजेपी के नौंवें प्रत्याशी को जिताएंगे यह तो समय ही बताएगा। सूत्रों की मानें तो राजा भैया की मदद से बीजेपी नौंवीं सीट जितने के जुगाड़ में है। प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दल विधायक राजा भैया के साथ कई विधायक हैं। उनकेसपा और बसपा समेत कई पार्टियों के विधायकों से अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में बीजेपी भी यह चाहती है कि राजा भैया की मदद से राज्यसभा की नौंवी सीट को भी अपनी झोली में डाल ले। बीजेपी और उसके सहयोगियों को मिला कर विधानसभा में कुल 324 सीटें हैं। नौवीं सीट के लिए बीजेपी के पास 28 विधायकों के वोट हैं। ऐसे में बीजेपी राजा भैया की मदद से नौंवीं सीट भी अपनी झोली में डाल सकती है। सपा ने राज्यसभा के लिए जया बच्चन को तो बसपा ने पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
23 मार्च को होना है चुनाव
निर्दल व अन्य पार्टियों के विधायक भी राज्यसभा की नौवीं सीट के लिए बीजेपी और विरोधी दोनों के बीच में कांटे की टक्कर होने की संभावना है। वैसे बीजेपी ने अपने सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। राज्यसभा चुनाव में 9वीं सीट को लेकर खींचतान होने की उम्मीद है। यूपी से राज्यसभा की दस सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। यूपी से राज्यसभा की दस सीटों के लिए चुनाव 23 मार्च को होने जा रहा है। विधानसभा की दलगत स्थिति को देखते हुए बीजेपी आठ उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है। वहीं सपा एक उम्मीदवार को आसानी से भेज सकती है। ऐसे में बची एक सीट के लिए भाजपा अपना नौवां उम्मीदवार उतार सकती है।
राजा भैया दे सकते हैं साथ

अगर भाजपा अपना नौवां उम्मीदवार राज्यसभा के लिए उतारती है तो राजा भैया उसका सपोर्ट कर सकते हैं। बीजेपी को अपने नौवें उम्मीदवार के लिए ३७ सीटों की जरूरत पड़ेगी। इन चुनावों में प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी अपने बहुमत के आधार पर 8 उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेज सकेगी, जबकि बीएसपी और एसपी अपने 1-1 सदस्य को उच्च सदन का सदस्य बना सकेंगे। 23 मार्च को होने वाले मतदान से पूर्व एसपी ने जया बच्चन और बीएसपी ने भीमराव आंबेडकर को अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान विधानसभा की स्थितियों की बात करें तो सदन में बीएसपी के पास भी कुल 19 विधायक है, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ सात सदस्य हैं।
विधानसभा में सीटों की स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी 312 सीटें हैं और उनके सहयोगियों की 12 सीटें है। इस तरह बीजेपी के पास देखा जाए तो 324 सीटें हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के पास 47, बसपा के पास 19, कांग्रेस के पास 07 सीटें हैं। राज्यसभा में एक सदस्य को भेजने के लिए कुल 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। संख्या बल को देखा जाए तो बीजेपी अपने आठ सदस्यों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है। बीजेपी अगर निर्दलीय विधायकों और दूसरे दलों के विधायकों का समर्थन हासिल करती है तो पार्टी को नौंवें सदस्य को भी सदन में भेजने का मौका मिल सकता है।
हर उम्मीदवार को 37 वोटों की जरूरत
बतादें कि राज्यसभा में जीत के लिए हर उम्मीदवार को कुल 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में कांग्रेस के समर्थन के बाद भी बीएसपी को अपने उम्मीदवार की विजय के लिए अब भी अन्य पार्टियों या निर्दलीय विधायकों के वोट की जरूरत होगी।
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