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राजा भैया बोले-जाति के आधार पर मुआवजा मिलना बंद हो

locationलखनऊPublished: Nov 30, 2018 06:44:38 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कहा-बराबरी की मांग करना अपराध नहीं होता है।
 

raja bhaiya

राजा भैया बोले-जाति के आधार पर मुआवजा मिलना बंद हो

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सियासत में अब तक निर्दलीय विधायक के तौर पर राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के प्रभाव से हर कोई वाकिफ था, लेकिन मौजूदा सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी पार्टी का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को राजधानी के रामाबाई अंबेडकर मैदान में उन्होंने बड़ी रैली का आयोजन किया। लगभग दो लाख समर्थकों की भीड़ के बीच उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया। राजनीति में राजा भैया के 25 वर्ष पूरे होने पर उनके समर्थकों ने रजत जयंती समारोह में अपनी ताकत दिखाई।
रैली को संबोधित करते हुए राजा भैया ने कहा कि बलात्कार और हत्या के बाद पीडि़त को जाति के आधार पर मिलने वाला मुआवजा बंद होना चाहिए। कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसी भी पीडि़त परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी मजदूर, किसान और जवान के लिए संकल्पित है। साथ ही सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए भी हम काम करेंगे। हमारी पार्टी का एजेंडा है कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के सीमा पर शहीद होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए। दरअसल पूरी कवायद राजा भैया को उत्तर भारत में बतौर क्षत्रिय नेता स्थापित करने की है। वहीं उनकी राजनीति अगड़ा बनाम पिछड़ा ही रहेगी। पिछले दिनों उन्होंने एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के चलते सवर्णों के उत्पीडऩ का मुद्दा उठाया था।
राजा भैया ने किसानों को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। कहा, मैं दलित विरोधी नहीं हूं। बहुत से ऐसे विषय हैं जिस पर राजनीतिक दल मौन हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नजर में सभी बराबर होने चाहिए, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या इसाई हो। उन्होंने कहा कि सरकारी मुआवजा भी जाति को देखकर दिया जाता है और सभी राजनीतिक दल इस पर बोलेने से कतराते हैं। कहा कि संविधान में सबको समान अधिकार दिए गए हैं। जाति देखकर मुआवजा तय करना उचित नहीं है।

बराबरी की मांग करना अपराध नहीं होता
इस दौरान राजा भैया ने कहा कि 25 साल पहले गांव पहुंचे तो राजनीति का अनुभव नहीं था। 1993 से शुरू हुई मेरी यात्रा में सबका सहयोग रहा है। पूरे यूपी से लोग यहां आए हैं। एक सर्वे के माध्यम से ये फैसला लिया गया। 20 लाख लोगों में 80 प्रतिशत ने कहा स्वयं का दल बनाए हैं। चुनाव आयोग की ओर से जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता दल या जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी का विकल्प दिया गया है। इसके गठन के बाद मैनिफेस्टो बनेगा, जिसमें किसान, मजदूर और नौजवानों के मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा। गन्ना किसानों के मुद्दे उठाएंगे। राजा भैया ने कहा कि एक हफ्ते में उनका भुगतान करा दिया जाए। जो जवान शहीद हुए, उनके परिवार को एक करोड़ रुपए दिया जाए, चाहे वह किसी जाति के हों। नौजवान नौकरी के लिए भटक रहे हैं। आज नौकरी, मुआवजा जाति देखकर दिया जा रहा है। बहुत से नेता कहेंगे कि दलित विरोधी हैं लेकिन ऐसा नहीं है। हम सबको साथ लेकर चलने वाले लोग हैं। दलितों के मुआवजे में कोई कटौती नहीं होना चाहिए। बराबरी की मांग करना अपराध नहीं होता है।
कुंडा वाले कुंडली लिखने जा रहे हैं
एससी-एसटी एक्ट को 1989 में राजीव गांधी ने लागू किया गया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्लियामेंट में एमेंडमेंट लाकर इस एक्ट को कमजोर कर दिया। जबकि कानून कहता है कि कोई बेगुनाह नहीं पकड़ा जाना चाहिए। जब इतिहास लिखा जाएगा तो मेरा नाम आग बुझाने के लिए जाना जाएगा। कुंडा वाले कुंडली लिखने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आईएएस, आईपीएस बन जाएं उनके बच्चों को आरक्षण न मिले। हाल ही में पीआईएल दाखिल की गई है एमेंडमेंड के बाद, उस पर आदेश का इंतजार है। ये पार्टी शताब्दी ट्रेन से भी ज्यादा तेज दौड़ेगी। इस रैली में कोई सरकारी मशीनरी नहीं लगी।
शिवपाल ने भेजी शुभकामनाएं
इस दौरान ये भी घोषणा हुई कि शिवपाल यादव ने भी अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। सूत्रों के मुताबिक भविष्य में राजा भैया की पार्टी शिवपाल की पार्टी से गठबंधन कर सकती है।
इस दौरान वरिष्ठ नेता शैलेंद्र कुमार, विनोद सरोज, हाजी मुन्ना, उमा शंकर यादव, गोपाल जी आदि मौजूद रहे।

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