भाजपा ने ऐसा ही अटल के साथ किया था भाजपा के बुनियादी नेता रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भी उनके बाद की पीढ़ी ने ऐसा ही किया। जिनको उन्होंने बढ़ाया था, उन्हींने अटल का नाम लेना बंद कर दिया था। 2005 के बाद से अटल बिहारी वाजपेयी बीमार पड़ गए। धीमे धीमे पार्टी के नेताओं ने उन्हें दर किनार कर दिया। इस बीच कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी हुए लेकिन भाजपा नेताओं को उनकी सुध नहीं आई। इस बार लोकसभा चुनाव के पहले जब वे बहुत बीमार हो गए तो भाजपा नेताओं ने उन्हें भुनाना शुरू कर दिया। चुनाव बाद फिर से अटल का नाम गुमनामी में खो गया।
यूपी के सीएम भी रहे हैं राजनाथ राजनाथ सिंह का कद यूपी ही नहीं पूरे देश के सियासत में किसी भी नेता से कम नहीं है। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। कई बार सांसद भी रहे। यूपी के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई। उसके बाद अटल सरकार में जहाजरानी मंत्री का पद भी उन्होंने संवारा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का गौरव भी उन्हें प्राप्त हुआ। मोदी की 2014 की सरकार में वह मोदी सरकार में गृह मंत्री बने जिसे देश में पीएम के बाद दूसरे नम्बर का पद माना जाता है। इस बार लखनऊ से चुनाव जीतने के बाद यह पद राजनाथ सिंह को नहीं दिया गया। उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया।
विज्ञापनों और होर्डिंगों से गायब राजनाथ अमौसी एयर पोर्ट से लेकर गोमती पार तक हजारों होर्डिंग, पोस्टर और बैनरों से शहर को पाट दिया गया है, लेकिन राजनाथ उनमें नहीं दिख रहे हैं। इनमें योगी हैं। मोदी हैं। अमित शाह हैं या फिर स्थानीय नेता। सियासी गलियारे में इसे गंभीरता से लिया गयाा है। चर्चा इस बात पर शुरू हो गई है कि पार्टी में दूसरा स्थान रखने वाले इस नेता को आखिर इस तरह किनारे क्यों किया गया। यह सब तक जब पूरा कार्यक्रम उनके संसदीय क्षेत्र में हो रहा है।