संकट मोचन योजना राज्यपाल ने कहा कि हिंदुस्तान में करीब 5 करोड़ ऐसी जनता है, जिनके परिवार में किसी सदस्य की बीमारी के कारण गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। ऐसे कितने लोग हैं उन्हें चिन्हित किया गया है। यह एक संकट मोचन योजना है और इसके बाद किसी भी परिवार को मदद के लिए हाख फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
देश भर में गरीबों को 5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ने वाली इस योजना में जुड़े हुए हर परिवार को फ्री इलाज दिया जाएगा। किसी बीमा की स्थिति में ऑपरेशन का सारा खर्चा उठाया जाएगा। अस्पताल में एडमिट होने से पहले व बाद में का खर्चा उठाया जाएगा। इस स्वास्थ बीमा योजना का मकसद देश के 10.74 करोड़ गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ बीमा देना है।
680 अस्पतालों मेंं मिलेगा योजना का लाभ आयुष्मान भारत योजना के लिए प्रदेश में अभी तक 690 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें से 375 सरकारी व 305 निजी अस्पताल हैं। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए सामाजिक और आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा। सोशियो इकोनॉमिक सेंशस डाटा (Socio Economic Census Data) के मुताबिक लाभार्थियों को अलग-अलग श्रेणियों (डी1, डी2, डी3, डी4, डी5, और डी7) में रखा जाएगा, जिसके आधार इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी हैं, उन्हें भी आयुष्मान भारत योजना का लाब दिया जाएगा।
रविवार को आयुष्मान भारत योजना के लॉन्च के बाद इसे अम्य राज्यों में भी लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के साथ एमओयू एएमओयू साइन किया है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ कैसे लें इस योजना के तहत किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज होगा। योजना के तहत कसौटी पर खरे उतरने वाले अस्पतालों को पैनल में रखा जाएगा। अस्पताल में एक हेल्प डेस्क होगा, जो दस्तावेज चेक करने से लेकर स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा। देश के किसी भी सरकारी पैनल में शामिल अस्पताल में व्यक्ति इस योजना के तहत इलाज करा सकने में सक्षम होगा।