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राजनाथ सिंह के रक्षामंत्री बनने से लखनऊ में सुलझ सकता है यह बड़ा विवाद, चार दशक से हो रही है कोशश

locationलखनऊPublished: Jun 01, 2019 10:57:29 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

लखनऊ प्रशासन भी राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्री बनने से काफी खुश है।

union home minister rajnath singh

Rajnath Singh

लखनऊ. राजधानी की सीट से चुनाव जीतकर दोबारा लोकसभा पहुंचे राजनाथ सिंह को इस बार चार सबसे बड़े मंत्रालयों (गृह, वित्त, रक्षा, विदेश) में से रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है। शनिवार को उन्होंने कार्यभार संभाला और देश की सुरक्षा को लेकर बैठक की। लखनऊ प्रशासन भी राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्री बनने से काफी खुश है। उनमें एक आस जागी है। दरअसल काफी समय से लखनऊ में सेना ने कुछ जमीन पर कब्जा कर रखा है, जिससे कई सरकारी परियोजनाओं रुकी पड़ी हैं। नगर निगम व एलडीए कई प्रयास कर चुका है सेना से जमीन लेने के लिए, लेकिन सब नामाक रहे। ऐसे में नगर निगम और एलडीए को उम्मीद है कि लंबे समय से लंबित यह विवाद सुलझेगा और देश के नए रक्षामंत्री इसमें मददगार साबित होंगे।
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दरअसल कुल 183 एकड़ जमीन को नगर निगम अपना बता रहा है, लेकिन सेना का इस पर कब्जा है। निगम ने कई दफा सेना से इसे लेने की कोशिश की, लेकिन जमीन पर भारतीय सेना का बोर्ड लगाकर सैनिक वहां तैनाती करते हुए निगम के अधिकारियों को वापस भेज देते हैं। यह विवाद करीब चार दशक से चल रहा है, लेकिन नगर निगम व एलडीए बेबस हैं। इसको लेकर उच्चस्तरीय बैठकें भी हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है।
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आवसीय योजना नहीं हो पा रही पूरी-

जमीन पर विवाद के कारण एलडीए अपनी नेहरू एन्क्लेव आवासीय योजना को अमली जामा नहीं पहना पा रहा है, जिससे आवंटियों में भी खासी नाराजगी थी। यह जमीन नगर निगम के सलेज फार्म के लिए अर्जित की गई थी लेकिन सेना इसे अपनी शूटिंग रेंज की जमीन बता रही है। निम्म देखें वह चार जमीनें जहां विवाद चल रहा है।
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इस क्षेत्र की जमीनों पर विवाद-

भीखमपुर: फनल एरिया 22.70 एकड़ हैशेखपुर कसैला: फनल एरिया 101.186 एकड़उजरियांव: फनल एरिया 48.545 एकड़अमौसी
सेना का पूरे फनल एरिया पर कब्जा है। इसके आसपास की 38.734 एकड़ जमीन को भी सेना अपनी बता रही है।सेना का 68.972 एकड़ फनल एरिया पर कब्जा है, इसके अतिरिक्त सेना ने आसपास की 16.223 एकड़ जमीन को भी कब्जे में कर रखा है। इसको लेकर सेना और एलडीए में विवाद चल रहा है। एलडीए ने यहां नेहरू एन्क्लेव आवासीय योजना बनाई थी।यहां 1.10 एकड़ फनल एरिया सेना के कब्जे में है। वहीं आसपास की 36.67 एकड़ जमीन को भी सेना अपनी बता रही है। शेखपुर की तरह यहां भी एलडीए की नेहरू एन्क्लेव आवासीय योजना थी।गिंदन खेड़ा की 1.817 हेक्टेयरजमीन को पीएम आवास योजना के एक हजार लाइट भवनों के लिए चिह्नित किया गया था। सेना का दावा है कि खसरा नंबर 3684 ‘क’ की जमीन उसके कब्जे में वर्ष 1942 से है और बस नाम परिवर्तन होना है।

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