राजनाथ सिंह इस लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव? राजनाथ सिंह जिस सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं वह है, कानपुर नगर की लोकसभा सीट। यहां से कई दिग्गज नेता चुनाव लड़ने के लिए टिकट की दावेदारी के साथ स्थानीय संगठन के साथ तालमेल बिठा रहे हैं। लखनऊ से सांसद और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह खुद पिछले महीने कानपुर आए और अपने गुरू से मिले। यहां पूजा-पाठ के बाद कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह से अकेले में आधे घंटे तक चर्चा की। इसी के बाद कानपुर की सियासम गर्म है और खुद भाजपा के नेता भी मान कर चल रहे हैं कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गंगी की नगरी से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी की ली है। वहीं पिता को 2019 का लोकसभा चुनाव जिताने के लिए विधायक पंकज सिंह अब तक तीन बार शहर आकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में उनकी नब्ज टटोल चुके हैं। इन्हीं सब बातों से राजनाथ सिंह के कानपुर नगर से चुनाव लड़ने की संभावनाओं को और पुख्ता कर दिया है।
राजनाथ सिंह के आने के बाद सियसत गर्म सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह 2019 का चुनाव लखनऊ से नहीं बल्कि कानपुर नगर से लड़ने जा रहे हैं। इसके लिए संगठन और कार्यकर्ता अंदरखाने उन्हें जिताने के लिए जुट भी गए हैं। करीब छह लाख ब्राह्मण मतदता शहर से हार-जीत में अहम रोल निभाता है। 2014 के बाद से ब्राह्मण वोटर भाजपा के साथ खड़ा रहा, जिसके चलते विधानसभा चुनाव के अलावा नगर निकाय में मेयर के साथ ही 56 पार्षद पहली बार जीते। इसी को देखते हुए पिता को जीत दिलाने के लिए उनके बेटे पंकज सिंह भी गर्मी में जमकर पसीना बहा रहे हैं। वह मई से लेकर अब तक तीन बार कानपुर आए और वरिष्ट व युवा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जानकारी के मुताबिक पंकज सिंह ने बैठक में संगठन को ताकत के साथ जमीन पर उतरने को कहा।
बन रही है चुनावी रणनीति गृहमंत्री राजनाथ सिंह 2014 लोकसभा चुनाव से पहले 2013 में कानपुर आए थे और अपने गुरू जी से मिलकर आर्शीवाद लिया था। गुरू के कहने पर उन्होंने लखनऊ से चुनाव लड़ा और जीते। 2019 से पहले एक बार फिर मई 2018 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह शहर आए और आश्रृम में जाकर पूजा-पाठ किया। एक सप्ताह के बाद विधायक पंकज सिंह शहर आए और भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाई।
राजनाथ सिंह राजनीतिक सफर राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 में भभौरा, चंदौली जिला में एक साधारण परिवार में हुआ था। राजनाथ सिंह का विवाह सावित्री सिंह से हुआ और इनके दो पुत्र और एक बेटी है। 66 वर्षीय राजनाथ सिंह का साल 1974 में जनसंघ के जिला सचिव पद से शुरू राजनीतिक सफर शुरु क्या हुआ उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आरएसएस के स्वयंसेवक से लेकर विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के शीर्ष पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी अनूठी कार्यशैली की छाप भी छोड़ी। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष से लेकर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के सफर में उन्होंने युवाओं को भाजपा के पक्ष में एकजुट किया। कल्याण सिंह की सरकार में बतौर शिक्षामंत्री रहते हुए यूपी बोर्ड परिक्षाओं में नकल पर नकेल कस अपनी अलग पहचान बना ली। 24 अक्टूबर 2000 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनाथ सिंह दो साल तक यूपी के सीएम रहे और वर्तमान में मोदी सरकार में गृहमंत्री हैं।