अब 10 सीटों पर 10 ही उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं और उन सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना प्रबल हो गई है। यानि अब सभी 10 सीटों पर सभी प्रत्याशियों का चुना जाना तय माना जा रहा है। वहीं गौतम के नामांकन में प्रस्तावक रहे चार बीएसपी विधायकों असलम राइनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी और हाकिम लाल बिंद ने बुधवार को ही निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए।
शपथपत्र में कहा था कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीएसपी प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किए गए उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं। उस वक्त ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीएसपी प्रत्याशी गौतम का पर्चा खारिज हो सकता है, लेकिन उनका पर्चा पूरी तरह से वैध पाया गया है। इसलिए उनका पर्चा खारिज नहीं किया गया।
विधानसभा में बीएसपी के नेता लालजी वर्मा ने फर्जी हस्ताक्षर के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने तीन सेट नामांकन दाखिल किए थे। उनमें से दो पर आपत्ति हुई है। उनाका एक नामांकन पत्र वैध है। जहां तक हस्ताक्षर का सवाल है तो सभी असली हैं। नामांकन के समय के फोटोग्राफ भी मौजूद हैं, इसलिए इस बारे में कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता कि ये विधायक नामांकन के वक्त मौजूद नहीं थे।