राज्यपाल ने बच्चों के बनाये अपने चित्र की प्रशंसा करते हुए बच्चों से कहा कि बचपन हरम नुष्य के जीवन का सबसे अच्छा और यादगार काल होता है। इसे गंवाना नहीं, यह समय पढ़ने, सीखने और खुद में अच्छे संस्कार विकसित करने का होता है, जो हमेशा काम आता है। किसी भी क्षेत्र में सबसे ऊंचाई तक पहुंचने के लिये हमें अपनी पूरी लगन और मेहनत लगा देनी होगी, तभी सफलता मिलेगी।
राजभवन में राज्यपाल से मिलने 13 वर्षीय श्रमण, 10 वर्षीय नवेरा और आठ वर्षीय अरीब अपने हाथों से बनाया राज्यपाल का चित्र लेकर पहुंचे थे। राज्यपाल से उनसे बहुत सी बातें करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। बच्चों ने कार्यकाल समाप्त कर रहे राज्यपाल को बधाईयों के साथ दीर्घायु के लिये शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उपस्थित हिन्दी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी के सचिव अतहर नबी ने भी शिष्टाचार मुलाकात में ‘प्रॉब्लम ऑफ मुस्लिम ओबीसी’ विषय पर लिखी एक पुस्तक भी राज्यपाल को शुभकामनाएं देते हुए भेंट की।