मुद्दा छह दिसंबर 1992 के बाद से खत्म नहीं हुआ है विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि सभा के लिए उमड़ी भीड़ सिर्फ उत्तर प्रदेश के 45 जिलों से ही आई है। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद हमें यह सभा के आयोजन की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि कुछ समझदार लोगों को यह याद दिलाया जा सके कि राम मंदिर का मुद्दा छह दिसंबर 1992 के बाद से खत्म नहीं हुआ है। अयोध्या के कारसेवकपुरम में बड़ा भक्त महल बगिया में विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा शुरू होकर चार बजे तक चली। धर्मसभा के चलते अयोध्या में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। विवादित क्षेत्र ही नहीं पूरी अयोध्या नगरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
ये बड़े संत हुए शामिल
धर्मसभा में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, हरिद्वार के जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत रङ्क्षवद्रपुरी, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य तथा महामंडलेश्वर उड़ीसा के स्वामी ज्ञानानंद गिरी समेत करीब चार दर्जन बड़े संत व विशिष्टजन शामिल हुए। इनके साथ ही आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल समेत संघ व विहिप के कुछ अन्य बड़े नेता भी शामिल हुए।
धर्मसभा में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, हरिद्वार के जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत रङ्क्षवद्रपुरी, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य तथा महामंडलेश्वर उड़ीसा के स्वामी ज्ञानानंद गिरी समेत करीब चार दर्जन बड़े संत व विशिष्टजन शामिल हुए। इनके साथ ही आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल समेत संघ व विहिप के कुछ अन्य बड़े नेता भी शामिल हुए।