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चुनाव खत्म होते ही मंदिर निर्माण का मुद्दा गरमाने की कोशिश

locationलखनऊPublished: Jun 08, 2019 03:47:23 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

राम की शरण
अयोध्या में भगवान राम से जुड़े प्रतीकों पर काम
योगी ने कहा-अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग होगा
विहिप बोली-मंदिर निर्माण के लिए अब आंदोलन की जरूरत नहीं
15 जून को अयोध्या में होगी सबसे बड़ी धर्म संसद
अपने 18 सांसदों के साथ रामलला का दर्शन करने आ रहे उद्धव ठाकरे

Ram mandir

Ram mandir

महेंद्र प्रताप सिंह
पत्रिका इन्डेप्थ स्टोरी
अयोध्या. अयोध्या में इन दिनों राजनीतिक हलचल बढ़ गयी है। कुछ दिन पहले ही यहां साधु-संतों ने जल्द मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया था। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक राम की शरण में हैं। योगी ने कोदंड राम की सबसे ऊंची आदमकद काष्ठ प्रतिमा का अनावरण कर राममंदिर निर्माण के लिए बड़ी घोषणा की है। उनका कहना है कि अयोध्या में जल्द ही रामलला मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने संकल्प दोहराया है कि राम काजु कीन्है बिनु मोहि कहा विश्राम। योगी जब अयोध्या में इस मंत्र का जाप कर रहे थे तब तब कानपुर में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और राम जन्मभूमि आंदोलन समिति के प्रमुख चंपत राय सत्ता में बैठे लोगों को याद दिला रहे थे कि उन्हें क्या करना है। उन्होंने कहा मंदिर निर्माण के लिए अब आंदोलन की जरूरत नहीं है। भाजपा और विहिप ही राममंदिर निर्माण का पूरा श्रेय न ले लें इससे चिंतित शिवसेना भी राम की शरण में पहुंच गयी है। 15 जून को अयोध्या में आयोजित धर्म संसद में शामिल होने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने 18 सांसदों के साथ अयोध्या पहुंच रहे हैं। यहां से वह मंदिर आंदोलन को धार देंगे।
अयोध्या में 15 जून को धर्म संसद है। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने सरयू तट पर भगवान राम की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने की पहल तेज कर दी है। मूर्ति निर्माण के लिए 200 करोड़ का बजट जारी हो गया है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।

रामलला मंदिर के अलावा कुछ मंजूर नहीं
हालांकि, इन सब कवायदों के बीच अयोध्या के साधु-संतों का कहना है कि उन्हें रामलला के भव्य मंदिर से कमतर कुछ मंजूर नहीं। सरयू तट और अयोध्या शोध संस्थान में राम की प्रतिमा लगाने से काम नहीं चलने वाला है। अयोध्या के पर्यटन विकास के लिए काम होना चाहिए लेकिन मंदिर सबकी प्राथमिकता में है।

भाजपा जनमत बनाने में जुटी
योगी आदित्यनाथ 2020 में उप्र का विधानसभा का चुनाव मंदिर मुद्दे पर ही लडऩा चाहते हैं। इसलिए अयोध्या में भगवान राम की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम जारी है। फैजाबाद अब अयोध्या हो गया है। बारहों महीने रामलीला मंचन हो रहा है। हर की पैड़ी की तरह सरयू तट पर राम की पैड़ी का निर्माण हो चुका है। रामायण सर्किल के तहत अयोध्या के चारों तरफ चौड़ी सडक़ें बन रही हैं। रामवनपथ गमन रोड का भी भी जारी है। इस तरह आगामी दो-ढाई सालों तक किसी न किसी बहाने अयोध्या को चर्चा में बने रहने की कवायद जारी है। काष्ठ प्रतिमा की बात हो या फिर सरयू तट पर भव्य और विशाल मूर्ति लगाने की घोषणा इन सबका मकसद राममंदिर निर्माण के लिए जनमत तैयार करना ही है।

सत्ता में बैठे लोगों को करना है काम : चंपतराय
कानपुर में आरएसएस के प्रशिक्षण वर्ग में आए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और रामजन्म भूमि आंदोलन समिति के प्रमुख चंपतराय ने इस बीच बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अब किसी तरह के आंदोलन की जरूरत नहीं है। वर्तमान में केंद्र और प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर जो लोग बैठे हैं, उन्हें मंदिर निर्माण का पूरा ध्यान है। परिषद भी इसके लिए अपने तरीके से काम कर रही है। सबका साथ और सबका विकास करने में जुटे लोग श्रीराम के विषय में भी सोच रहे हैं।

लाव-लश्कर के साथ आ रहे उद्धव
शिवसेना भी अब राममंदिर मुद्दे को जोर शोर से उठाना चाहती है। इसीलिए अपने 18 सांसदों के साथ शिवसेना प्रमुख 15 जून को मुंबई से अयोध्या पहुंच रहे हैं। ठाकरे रामलला के दर्शन के साथ ही 15 जून को अयोध्या में होने वाली धर्म संसद में भी शामिल होंगे। संसद सत्र शुरू होने से पहले शिवसेना का राम की शरण में होगी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के मुताबिक यदि अब भी राममंदिर निर्माण शुरू नहीं होता है तो जनता का विश्वास नेताओं से उठ जाएगा। जाहिर है शिवसेना भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मंदिर मुद्दे को ही भुनाना चाहती है।

क्या कहते हैं संत-पुजारी,पक्षकार और आम लोग

सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण की अनुमति दे। सरकार को भी पहल करनी चाहिए। और हां, अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति लगे लेकिन राम मंदिर का निर्माण करने से राष्ट्र का निर्माण होगा।
-महंत धर्म दास
अयोध्या में सिर्फ मुद्दे को गरम रखने के लिए यहां लोग आ रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए न तो भाजपा में इच्छा शक्ति हैं और न ही शिवसेना चाहती हैं राम मंदिर बने। भाजपा मूर्ति लगाकर राम मंदिर को नहीं भुला सकती।
-आचार्य सतेंद्र दास,राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी
राम मंदिर निर्माण पर यदि शिवसेना कुछ करना चाहती हैं तो वह सदन में अपने सभी सांसदों के साथ आवाज उठाये। लेकिन, भाजपा को अब पूर्ण बहुमत मिला है इसलिए उसे मंदिर निर्माण की पहल करनी चाहिए।
-राजू दास
अयोध्या को लेकर राजनीति हो रही है। अभी सदन की कार्यवाही शुरू नही हुई कि राम जन्मभूमि पर राजनीति शुरू हो गई है। लोग यहां इस मुद्दे को गर्म करने के लिए आ रहे हैं। मामला जब सुप्रीम कोर्ट में है तो राजनीति की जरूरत नहीं। शिवसेना ऐसा कोई काम न करे जिससे हिन्दुस्तान का माहौल खराब हो।
-इकबाल अंसारी,बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई

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