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प्रदेशवासियों के स्नेह और सहयोग के लिये कृतज्ञ हूँ – राम नाईक

locationलखनऊPublished: Jul 28, 2019 10:07:24 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

लोकभवन में हुआ राज्यपाल राम नाईक का नागरिक अभिनन्दन

 lok bhawan 28 july

प्रदेशवासियों के स्नेह और सहयोग के लिये कृतज्ञ हूँ – राम नाईक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा उल्लेखनीय सेवाओं एवं मार्गदर्शन हेतु अपनी एवं प्रदेश की जनता की ओर से आज लोकभवन प्रेक्षागृह में एक अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया। अभिनन्दन समारोह में मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्री द्वय केशव मौर्य एवं डाॅ0 दिनेश शर्मा, विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल, मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, विधायकगण, पूर्व मंत्री डाॅ0 अम्मार रिज़वी, ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगमहली व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्यपाल को सम्मान पत्र, अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा लेडी गवर्नर कुंदा नाईक, पुत्रियाँ डाॅ0 निशिगंधा एवं श्रीमती विशाखा कुलकर्णी को भी उपहार देकर सम्मानित किया। राज्यपाल के सम्मान में एक मानपत्र पढ़ा गया तथा सभी उपस्थित जनों ने करतल ध्वनि से खड़े होकर उनका अभिवादन किया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम के लिये धन्यवाद देते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों से बहुत जुड़ाव है। पांच वर्षों में प्रदेशवासियों विशेषकर पत्रकार मित्रों से जो स्नेह और सहयोग मिला उसके लिये कृतज्ञ हूँ। उत्तर प्रदेश को याद रखूंगा। उन्होंने बराबर आते रहने का वादा करते हुये कहा कि जो प्यार मिला है उसका ऋणी रहूंगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस, कुष्ठ पीड़ितों के लिये किये गये कार्य, डाॅ0 आंबेडकर का सही नाम लिखे जाने व अन्य विषयों पर सरकार द्वारा संवेदनशीलता से उनकी सलाह मानने पर आभार भी प्रकट किया।
राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश आगमन पर राज्यपाल के रूप में उन्होंने कहा था कि राजभवन के दरवाजे सभी के लिये खुले रहेंगे। महामहिम की जगह माननीय शब्द का प्रयोग किया जाये तथा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना चाहते हैं। अब तक उन्होंने राजभवन में 30,000 लोगों से ज्यादा भेंट की तथा 1,866 कार्यक्रम किये। 68 वर्ष के बाद उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस उनकी सलाह पर मनाया गया। जब-जब यह दिन मनाया जायेगा उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें जरूर याद करेगी। उन्होंने नई राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को शुभकामनाएं देते हुये कहा वे एक अनुभवी मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल का दायित्व संभाल चुकी हैं और निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में सफल होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पदों पर आना और जाना एक प्रक्रिया है। राज्यपाल राम नाईक के पांच वर्ष का कार्यकाल सुखद अनुभूति देने वाला है। राज्यपाल ने राजभवन को लोकभवन में बदला। उन्होंने न केवल लीक से हटकर नई परम्परा की शुरूआत की बल्कि छोटी-छोटी बातों से भी व्यापक बदलाव लाने का प्रयास किया। अपनी कार्यप्रणाली को कार्यवृत्त के माध्यम से सार्वजनिक करके पारदर्शिता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि बीते सवा दो साल में राजभवन से अच्छा संवाद रहा तथा हर मुद्दे पर चर्चा होती रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल 30,000 हजार नागरिकों से राजभवन में प्रत्यक्ष मुलाकात कर चुके हैं। अगर जनप्रतिनिधि ऐसे लोगों से संवाद करें तो बहुत काम हो सकता है। राज्यपाल की पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ हर अधिकारी को उपलब्ध होनी चाहिए जिससे वे प्रेरणा ले सकें। राज्यपाल ने जो मानक और मूल्य तय किये, वह आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते हैं। 86 वर्ष की उम्र में भी वे किसी युवा से ज्यादा सक्रिय रहे। विश्वविद्यालयों का सत्र नियमित करना बड़ी उपलब्धि है। कुष्ठ पीड़ितों को मानदेय के साथ आवास योजना उनकी सलाह का नतीजा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अब तक 56 बार राज्यपाल से राजभवन में मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का यशस्वी कार्यकाल बधाई का पात्र है।
विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विदाई का पल सभी को भावुक करता है। ऐसे अवसर पर शब्द और सामथ्र्य दोनों साथ नहीं देते। राज्यपाल राम नाईक के आने से वास्तव में राज्यपाल का मतलब समझ में आया। राम नाईक के व्यक्तित्व में शिवाजी जैसा पौरूष है, तिलक जैसा विवेचन है तथा पं0 दीनदयाल जैसा दर्शन है। उन्होंने कहा कि उनका बंधन अत्यंत गाढ़ा है जिसको शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के लिये अभिभावक के रूप में रहे हैं। राज्यपाल की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि इस उम्र में उनकी सक्रियता युवाओं के लिये आदर्श है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।
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