script… तो इसलिए श्री श्री रविशंकर अयोध्या मामले में दिखा रहे रुचि, वेदांती ने किया चौकाने वाला बड़ा खुलासा | Ram Vilas Vedanti said Sri Sri Ravi Shankar failed Ram temple case | Patrika News

… तो इसलिए श्री श्री रविशंकर अयोध्या मामले में दिखा रहे रुचि, वेदांती ने किया चौकाने वाला बड़ा खुलासा

locationलखनऊPublished: Nov 16, 2017 09:33:50 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य व पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती के बड़े आरोप से मचा हड़कंप।

ram vilas vedanti

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लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद तथा राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने भी आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर द्वारा राम मंदिर मसले पर किए जा रहे प्रयास को झटका दिया है। वे अयोध्या मामले में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के मध्यस्थ की भूमिका को लेकर काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि हमको अयोध्या मामले में श्री श्री रविशंकर का फार्मूला कतई मंजूर नहीं है।
भगवान राम के लिए जान भी देनी पड़े तो हम तैयार हैं…

पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हम जेल गए, यहां तक की लाठियां खाईं और अचानक से श्री श्री रविशंकर आ गए। उन्होंने कहा कि रविशंकर तब कहां थे, जब हम राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे थे। पूर्व सांसद व बीजेपी नेता ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा तो ठीक है, वरना किसी भी कीमत पर मस्जिद नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम के लिए चाहे जितना भी बलिदान देना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे। चाहे इसकी कीमत जान देकर ही क्यों न चुकानी पड़े? राम मंदिर मामले में मध्यस्थता का बीड़ा उठाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पर पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने सवाल उठाया और कहा कि रविशंकर कौन होते हैं फैसला करने वाले।
अब जांच से बचने के लिए मंदिर मामले में कूदे श्री श्री

पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर कौन हैं, इस मामले का हल निकालने वाले। उन्होंने बहुत संपत्ति बनाई है, इसलिए अब जांच से बचने के लिए राम मंदिर मुद्दे में कूद पड़े हैं। भाजपा के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने सख्त लहजे में कहा कि श्री श्री मध्यस्थता करने वाले कौन होते हैं? उनको तो अपना एनजीओ चलाना चाहिए और विदेशी फंड को जमा करना चाहिए। उन्होंने श्री श्री को सलाह दी कि वह इस मसले में न पड़ें तो ही बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर श्री श्री का फॉर्मूला मंजूर नहीं है।
मंदिर-मस्जिद विवाद अब बातचीत से सुलझना मुश्किल

मालूम हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यह कहते हुए कि राम मंदिर मुद्दे का अब बातचीत से समझौता संभव नहीं है श्री श्री के प्रयासों को झटका दिया था। सीएम ने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद अब बातचीत से सुलझना मुश्किल है। योगी आदित्यनाथ के इस बयान से श्री श्री रविशंकर के प्रयासों को करारा झटका लगा है। योगी ने कहा कि मैंने अयोध्या के अपने पहले दौरे पर ही कहा था कि यदि दोनों पक्ष किसी सहमति के बाद सरकार के पास आते हैं तो सरकार इस पर कुछ कर सकती है, लेकिन सरकार इस मामले में पक्ष नहीं है। योगी के इस बयान को श्री श्री के सुलह के प्रयासों के लिए झटका माना जा रहा है। मालूम हो कि बुधवार को ही इस मामले को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्री श्री रविशंकर से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था।
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