उन्होंने कहाकि 6 दिसम्बर 1992 को जब ढांचा गिरवाया तो मन्दिर की मीनार में मस्जिद का कोई प्रमाण नहीं मिला वहां हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली थी। हाईकोर्ट में मैंने गवाही दी पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा 1528 में बाबर ने मन्दिर को तुड़वाकर मस्जिद को बनवाया था। फिर निर्मोही अखाड़ा के वकील ने बताया लगभग 200 वर्षों से निर्मोही अखाड़ा का कब्जा है। फिर जज ने हमसे पूछा आपका कब्जा कब से है। राम के नाम पर सिर्फ बातें हो रही हैं।
रामायण में रामजन्म की हैं बातें रामविलास वेदांती ने वाल्मीकि रामायण के बाल्यकाण्ड का उदाहरण देते हुए कहाकि ,1 करोड़ 81 लाख 60 हजार 65 वर्ष पहले रामलला का जन्म हुआ था। नासा के उपग्रह ने देखकर बताया कि रामलला विराजमान जहां हैं नीचे शिवमंदिर बना हुआ है। फिर खुदाई में जो सामान मिले वो मन्दिर के चिन्ह थे। मस्जिद का कोई चिन्ह नहीं मिला। यहाँ तक की जजों में भी रामलला विराजमान को रामजन्मभूमि माना हैं। उन्होंने कहाकि हमने उस गवाही में जजों को दिखाया था राजा दशरथ के बेटे राम के नाम पर खसरा खतौनी भी थी।
रामविलास वेदांती ने बतायाकि महंत अवैद्यनाथ योगी के गुरु ने प्रस्ताव रखा कि हमे तोड़े गए 30 हजार मन्दिर नही चाहिए अयोध्या काशी,मथुरा के मंदिर चाहिए। इस पर हस्ताक्षर हुए। शहाबुद्दीन ने कहा अगर साबित हो जाता है कि रामलला विराजमान की जगह रामजन्मभूमि है तो सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा वापस ले।
उन्होंने बतायाकि प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की घोषणा की ,हम सबका विश्वास लेकर साम्प्रदायिक सद्भावना चाहते हैं। हम सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोगों से निवेदन करना चाहते हैं। तीन जिन लोगों को समझौते के लिए नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट को जल्दी से जल्दी निर्णय करना चाहिए।