scriptअब अंग्रेजी में गूंजेगी रामचरितमानस की चौपाईयां, जानें कैसे | Ramcharitmanas chaupai resonate in English, know how | Patrika News

अब अंग्रेजी में गूंजेगी रामचरितमानस की चौपाईयां, जानें कैसे

locationलखनऊPublished: Jul 30, 2022 10:47:21 pm

अयोध्या शोध संस्थान की पहल पर अब विदेशी धरती पर जल्द ही अंग्रेजी में रामचरितमानस की चौपाईयां गूंजेगी। इस अद्भुत कार्य में सहयोग कर रहा है त्रिनिदाद एवं टोबैगो देश। दोनों साथ मिलकर रामचरितमानस की चौपाइयों व दोहों को अंग्रेजी में अनुवाद कर उन्हें शास्त्रीय/उपशास्त्रीय सुर, लय एवं ताल में निबद्ध कराकर प्रवासी देशों में उपलब्ध कराएंगे।

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विश्व के कई देश रामचरितमानस में बेहद श्रद्धा रखते हैं। और उसे सुनते हैं। पर अवधी में होने से नए लोगों को भाषायी दिक्कतें आ रही हैं। पर अब ये समस्याएं नहीं आएंगी। अयोध्या शोध संस्थान की पहल पर अब विदेशी धरती पर जल्द ही अंग्रेजी में रामचरितमानस की चौपाईयां गूंजेगी। इस अद्भुत कार्य में सहयोग कर रहा है त्रिनिदाद एवं टोबैगो देश। दोनों साथ मिलकर रामचरितमानस की चौपाइयों व दोहों को अंग्रेजी में अनुवाद कर उन्हें शास्त्रीय/उपशास्त्रीय सुर, लय एवं ताल में निबद्ध कराकर प्रवासी देशों में उपलब्ध कराएंगे। भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सृष्टि माथुर अंग्रेजी में रामचरितमानस के संगीत पक्ष के लिए अपनी सहमति प्रदान की है।
सुर, लय व ताल जानी-पहचानी, चौंक गए

एंड एनिमी ऑफ शिव ऑलदो ही कॉल्स हिमसेल्फ ए डिवोटी ऑफ माइन, कैन नॉट अटैंड टू मी ईवन इन ए ड्रीम। इसके सुर, लय व ताल आपको चौंका देगी क्योंकि यह तो रामचरितमानस की चौपाई जैसी ध्वनि दे रहा है। तो आप ठीक समझे उपर की लाइनें, सिव द्रोही मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुं मोहि न पावा।। चौपाई का अग्रेजी रुपांतरण है। तो विदेशी धरती पर अंग्रेजी में रामचरितमानस के पाठ और संगीतमय मंचन की कुछ इस तरह से तैयारियां की जा रहीं हैं।
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गायन उपलब्ध कराएंगे शिव निगम

अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी ने बताया कि, इस काम को अयोध्या शोध संस्थान व त्रिनिदाद एवं टोबैगो की डा. इन्द्राणी राम प्रसाद (संस्थान की शोध विकास परिषद की सदस्या) ने संयुक्त रूप से किया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव डा. शिव निगम अंग्रेजी में रामायण के गायन उपलब्ध कराएंगे।
रामायण बच्चों तक पहुंचाना जरूरी

डा. इन्द्राणी रामप्रसाद ने बताया कि, रामायण को बच्चों तक पहुंचाना बहुत आवश्यक है। वे रामलीला देखते तो हैं किंतु उसे समझ नहीं पाते और न ही उसका आनंद ले पाते हैं, इसलिए भी यह जरूरी है।
ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया आफ रामायण के समन्वयक तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण मप्र शासन के सीईओ तथा रामायण केंद्र भोपाल के निदेशक डा. राजेश श्रीवास्तव के अनुसार मानस के अंग्रेजी में अनुवाद तो कई हुए हैं, पर उसे अंग्रेजी में गेय बनाना चुनौती है।
इस काम का शुभारंभ जल्द

अयोध्या शोध संस्थान निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी ने बताया कि, विदेश में रहने वाले लोग रामचरितमानस की कथा को ठीक से समझ नहीं पाते, इसलिए उसका अंग्रेजी में अनुवाद होना चाहिए। उसकी चौपाइयों, छंदों को भी संगीतबद्ध करने की आवश्यकता है। हम इस दिशा में काम करने को उत्सुक हैं और त्रिनिदाद एवं टोबैगो से इस काम का शुभारंभ होने जा रहा है।
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