scriptदीपावली पर नौ लाख दीपों से रोशन होगी रामनगरी अयोध्या | Ramnagari Ayodhya will be illuminated with nine lakh lamps on Diwali | Patrika News

दीपावली पर नौ लाख दीपों से रोशन होगी रामनगरी अयोध्या

locationलखनऊPublished: Oct 17, 2021 10:33:27 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

Deepawali 2021: रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) के लिए इस बार की दीपावली कुछ खास होगी। दरअसल इस वर्ष अयोध्या 9 लाख दीपों से जगमग होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में नौ लाख गरीब परिवार को घर दिए जा चुके है। इस दिवाली पर उन परिवारों के गृह प्रवेश की खुशी पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव पर नौ लाख मिट्टी के दीये जलाएं जाएंगे।

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लखनऊ. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में नौ लाख गरीब परिवार को घर दिए जा चुके है। इस दिवाली पर उन परिवारों के गृह प्रवेश की खुशी पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव पर नौ लाख मिट्टी के दीये जलाएं जाएंगे। यह दीयें अयोध्या के प्रजापति समाज द्वारा ही बनाए गए है। साथ ही सरकार की ओर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में दिए गए 42 लाख आवासों में भी एक-एक मिट्टी का दीया जलाया जाएगा। भाजपा पिछड़ा वर्ग के समाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस बार दिवाली में विदेश से आई लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की नहीं बल्कि अपने मिट्टी से जुड़े कारीगरों की बनाई मूर्ति से पूजा होना चाहिए। इस अभियान के साथ हम सबको जुड़ना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया था। लेकिन पिछली सरकारें सबका साथ अपना विकास के नारे पर काम कर रही थी। पिछली सरकारें साथ सबका चाहती थी लेकिन विकास अपना करती थी। पर्व और त्योंहार में जब कमाई का समय आता था तो प्रदेश को दंगों की आग में झोंक दिया जाता था। इससे प्रदेश पिछड़ता चला गया। मिट्टी के कारीगरों का कारोबार चौपट हो गए। आज सरकार दबे कुचले लोगों की आवाज को एक आवाज दे रही है, उनको आगे बढ़ाने का काम कर रही है। माटीकला बोर्ड के माध्यम से इस उद्योग से जुड़े लोगों के चेहरे पर खुशी है।
उन्होंने कहा कि पहले प्रजापति समुदाय के लोगों के बनाए मिट्टी के बर्तन बिकते नहीं थे। 2017 में हमारी सरकार आने के बाद जानलेवा प्लास्टिक पर बैन लगाया। मिट्टी से जुड़े कारीगरों को पहचान देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया। कारीगरों को बर्तन बनाने के लिए नि:शुल्क इलेक्ट्रिक चॉक वितरित की। इससे जो कारीगर पहले 70 बर्तन बनाता था, वह 400 बर्तन तैयार कर रहा है। माटीकला बोर्ड की ओर से आयोजित प्रदर्शनियों के जरिए उनके व्यापार को बढ़ावा दिया गया। सरकार की योजना प्रजापति समुदाय और मिट्टी से जुड़े कारीगरों के लिए स्वावलंबन का आधार बनी।

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