फाइनेंस कंट्रोलर जितेंद्र कुमार के मुताबिक 27 फरवरी को होटल के मेन सर्वर पर साइबर अटैक हुआ था। इंजीनियर्स ने डाटा दोबारा एक्सेस करने की कोशिश की तो मेसेज आया कि सिस्टम ब्लॉक हो गया है और अब फिरौती देकर ही सिस्टम को फिर से एक्सेस किया जा सकता है। मेसेज भेजने वाले ने एक ईमेल आईडी भेजा और उसी आईडी पर कोई भी रिप्लाई करने को कहा। जितेंद्र कुमार ने बताया कि हैकर्स ने 2012 से 2019 तक के डाटा को इनक्रिप्ट किया है। अपराधियों ने ये भी चेताया कि अगर कम्प्यूटर लॉगइन करने का प्रयास किया तो डाटा ओपन नहीं होगा। हैकर्स के खिलाफ धोखाधड़ी समेत आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
आईपी एड्रेस ट्रैक कर रही पुलिस हैकर्स द्वारा भेजे गए लिंक का आईपी एड्रैस ट्रैक कर जानकारी हासिल करने में पुलिस जुटी है। सीओ हजरतगंज के मुताबिक ई-मेल के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। साइबर सेल की टीम मामले की पड़ताल में जुटी है।
यहां भी सामने आए रैनसमवेयर के मामले 16 मई को गोरखपुर के कैंट स्थित भारत ट्रेडिंग कम्प्नी के कम्प्यूटर में रैनसमवेयर भेज कर रंगदारी मांगी गई थी। तब ट्रेडिंग कम्प्नी के मालिक संदीप कुमार वैश्य को बिटक्वाइन से फिरौती की रकम अदा करने को कहा गया था। इसी तरह नोएडा में भी की कम्प्नियों के डाटा लॉक कर फिरौती मांगे जाने का मामला सामने आ चुका है।
क्या है रैनसमवेयर रैनसमवेयर वह वायरस है जिसमें एक सॉफ्टवेयर के जरिये वायरस कम्प्यूटर की फाइल को हैक कर लेता है। इस वायरस से सिस्टम में इनक्रिप्ट डाटा लॉक हो जाता है, जिसे केवल सिस्टम लॉक करने वाला ही खोल सकता है। ये लायरस ईमेल के जरिये फैलता है।
रैनसमवेयर से बचाव