बता दें कि लखनऊ में छोटे या बड़े दुकानदार सिक्के लेने से आनाकानी करते हैं, जिसके चलते व्यापारी और आम आदमी परेशान हैं। राजधानी के व्यवसाई पंकज कुमार व्यास बताते हैं मार्केट में सिक्के बहुत हैं, जिसके चलने उनका काफी पैसा फंस गया है औऱ वह रिटेल बाजार नहीं करते हैं।
नोटबंंदी के दौरान हुई थी कई लोगों को परेशानी जाहिर है मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में ही सिक्कों का प्रोडक्शन किया जाता है। नोटबंदी के दौरान देश का 80 फीसदी पैसा कोरे कागज में तब्दील कर दिया गया था। लिहाजा नोटबंदी की वजह से काफी लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा था। नोटों की कमी को पूरा करने के लिए आरबीआई ने सिक्कों का प्रोडक्शन बढ़ा दिया था।
इसलिए बंद किया गया प्रोड्कशन सभी टक्सालों में बंद किए गए सिक्कों के प्रोडक्शन की वजह 8 नवंबर 2016 को देश में की गई नोटबंदी है। दरअसल खबरों की माने तो टक्सालों के बंद पड़े काम के पीछे की बड़ी वजह नोटबंदी है। नोटबंदी के वक्त सिक्कों का प्रोडक्शन भारी मात्रा में किया गया था। जिनका स्टॉक अभी तक आरबीआई स्टोर में भारी संख्या में है। खबरों की माने तो आठ जनवरी तक 2500 एमपीसीएस सिक्कों की स्टोरेज है, लिहाजा अगले आदेश तक सिक्कों का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है।
8 नवंबर 2016 को हुई थी नोटबंदी 8 नंवबर 2016 रात के आठ बजे, ये वो समयऔऱ तारीख है, जब देश के प्रधानमंत्री ने देश में 500 और 1000 रुपये के नोट पर बैन लगा दिया था। यानी इस बैन के चलते देश का 80 फीसदी पैसा एक कोरे कागज में बदल गया था। लिहाजा इस दौर में लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा था।