ट्रेन के पीछे थी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस सप्तकांति के पीछे आ रही थी। फिरोजाबाद के पास एक सांड सप्तकांति से टकरा गया। इससे ट्रेन का इंजन फेल हो गया और उसके पीछे चलने वाली तेजस जहां की तहां खड़ी हो गई। इससे कई घंटों तक रेल यातायात बाधित रहा। इसकी जानकारी जब एनसीआर के अफसरों को हुई तो उन्होंने आनन-फानन में दूसरा इंजन भेजकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस के चलाने का इंतजाम किया। लेकिन तब तक तेजस सवा घंटे लेट हो चुकी थी। ट्रेन लेट होने से प्रत्येक पैसेंजर को 100-100 रुपये मुआवजा मिलेगा। इसके लिए यात्रियों को लिंक भेजा गया है जिसके जरिए वह मुआवजा ले सकते हैं।
पहले भी लेट हुई ट्रेन इससे पहले तेजस एक्सप्रेस 19 अक्टूबर को लेट हुई थी। उस दिन लखनऊ जंक्शन पर कृषक एक्सप्रेस का कोच डिरेल होने से यह ट्रेन तकरीबन तीन घंटे लेट हो गई थी। उस दिन तेजस में 950 यात्री सफर कर रहे थे। आईआरसीटी ने तेजस के प्रत्येक यात्री को 250-250 रुपये के हिसाब से 1.62 लाख रुपये मुआवजा दिया था।