फिटनेस टेस्ट भी महंगा रजिस्ट्रेशन के साथ ही फिटनेस टेस्ट भी महंगा हो गया है। अगर कोई वाहन मालिक प्राइवेट व्हीकल रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने में देरी करता है, तो उसे 300 रुपये की एडिशनल कॉस्ट का भुगतान करना होगा। वहीं, अगर कमर्शियल व्हीकल है, तो उसके लिए 500 रुपये का जुर्माना प्रति माह लगेगा। फिटनेस टेस्ट की लागत भी बढ़ेगी। बस और ट्रकों के लिए 1,500 रुपये की फिटनेस टेस्ट लागत के बजाय 12,500 रुपये होगी। टैक्सियों का शुल्क 7,000 रुपये होगा, जो कि पहले 1,000 रुपये होगा।
हर पांच साल में कराना होगा पुरानी गाड़ियों को रिन्यू पुरानी गाड़ियों को हर पांच साल में आपको रिन्यू कराना (Registration Renewal Fees) होगा। अगर कमर्शियल व्हीकल के आठ साल से ज्यादा पुराने होने के बाद उनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है, तो उसे रखना भी अनिवार्य होगा। यह फैसला इस आधार पर लिया गया है कि वाहन मालिक पुरानी गाड़ी को स्क्रैप कराकर नई गाड़ी खरीदना पसंद करेंगे जो कि कम प्रदूषण वाले फीचर्स से लैस होगी।
17 लाख वाहन 15 वर्ष से ज्यादा पुराने सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक देश में इस समय लगभग 17 लाख मीडियम और हेवी कमर्शियल वाहन 15 साल से पुराने हैं, जो कि बिना वेलिड फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर चल रहे हैं। अब नया नियम पहली अप्रैल से लागू हो चुका है। ऐसे में अगर नए नियम के बाद भी बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले पुराने वाहन अगर सड़क पर चलते पाए गए तो उन्हें तत्काल स्क्रैप होेने के लिए भेज दिया जाएगा।