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Republic Day 2018 : गणतंत्र दिवस पर लिया स्कूली बच्चों ने स्वच्छता का संकल्प

locationलखनऊPublished: Jan 26, 2018 01:51:41 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Republic Day 2018 : 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर पर स्कूली बच्चों ने स्वतच्छता का संकल्प लिया है।

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Lucknow. सोसाइटी एंड यू फाउंडेशन, लखनऊ ने स्थानीय प्राथमिक विद्यालय, कल्ली पश्चिम, लखनऊ में गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्य श्रीमती माधुरी देवी, शिक्षिका श्रीमती पूनम पाल, श्रीमती मंदाकनी श्रीवास्तव, श्रीमती ज्ञान देवी, श्रीमती किरण लता शर्मा, श्रीमती श्रद्धा श्रीवास्तव, श्रीमती रीना सक्सेना तथा संस्था के अक्षत पाल, गुरशरण सिंह, सिल्की ठाकुर, मोहम्मद युसूफ के नेतृत्व में झंडारोहण किया गया एवं बच्चो में मिठाई, केक , टॉफ़ी आदि वितरित किया गया |

इस अवसर पर संस्था के मोहम्मद युसूफ नें बच्चो को स्वच्छता का महत्व बताते हुए कहा कि “शब्द ‘स्वच्छता’ में धूल, गंदगी, कचरा, गंध, दाग, आदि का अभाव दिखता है। ज्यादातर भारतीय स्थानों चाहे वह पैदल चलने का रास्ता हो या सड़क, रेलवे स्टेशन, सरकारी कार्यालय, अस्पताल या बस स्टॉप हो निस्संदेह यह आपको आँखों के लिए अप्रिय महसूस होगा। इसके अलावा सड़कों पर प्रसारित कचरे, विखंडित दीवारों और बहते हुए सीवेज के परिणाम और बीमारियों के फैलाव और सड़कों पर पानी के फैलने की वजह से स्थिति और बुरी हो जाती है जिसके फ़लस्वरूप अधिक से अधिक लोगों को बीमारियों के शिकार होने और समुचित उपचार और देखभाल की अनुपस्थिति में मरने वालों की संख्या बढ़ जाती है।

इसलिए इस संकट से बचने के लिए हमारे देश के मूल निवासियों को न केवल अपने घरों और काम के स्थानों में बल्कि उनके परिवेश में भी सफाई बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। एक स्वच्छ और साफ़ वातावरण ही मन को खुश और एक परिपूर्ण जीवन बनाता है। एक प्रसिद्ध मुहावरा के हिसाब से दान घर से शुरू होता है। इसी तरह एक शहर, गांव की सफाई से पहले लोगों के घरों में सफाई शुरू होनी चाहिए।

इसलिए इस संकट से बचने के लिए हमारे देश के मूल निवासी को प्रभावी होना चाहिए। वास्तव में लोग अपने गांवों के पर्यावरण और उन गांवों में रहने वाले लोगों की स्वच्छता की सफाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। खुली जगहों पर शौचालय से बचने के लिए सार्वजनिक शौचालयों के अलावा व्यक्तिगत शौचालय भी बनाए गए हैं। गंदे पानी और ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय उठाए जा रहे हैं। इसलिए जब गांव के लोगों ने इतनी कोशिश की है तो इस अभियान में सुप्रसिद्ध शहरों में रहने वाले लोगों को क्यों पीछे रहना चाहिए। समझने की कोशिश करें कि स्वच्छता ऑक्सीजन, पानी और भोजन के रूप में मानव अस्तित्व के लिए जरूरी है। इसके अलावा यह अनुशासन और सफलता की पहचान की नींव है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति खुद को संगठित और स्वच्छ नहीं रख सकता है तो वह दूसरों की सफलता की दिशा में कैसे योगदान करेगा। स्वच्छ वातावरण के अभाव में लोगों के साथ स्वस्थ संबंध बनाए रखना संभव नहीं है। कम से कम साफ-सफाई का न्यूनतम स्तर जैसे नियमित रूप से स्नान करना, शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को धोना, धूल से अपने पैरों की रक्षा करना, कूड़ेदान में कचरा फेंकना आदि हर किसी से अपेक्षा की जाती है।

स्वच्छता स्मारकीय रूप से महत्वपूर्ण है और इसको दैनिक अभ्यास में लाना चाहिए। अगर हम अपने और हमारे आस-पास के इलाकों को साफ रखेंगे तो यह राष्ट्र निर्माण के कार्य में भी मदद करेगा क्योंकि इससे फिर से अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को हमारे देश की यात्रा करने और उसकी सुंदरता, प्रकृति और विभिन्न स्थानों का भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बेशक कोई भी एक ख़राब जगह का दौरा नहीं करना चाहता है। इसलिए हमें ऐसी जीवन शैली को अपनाना होगा जिससे आस-पास के पौधों का पोषण कर सकें। हमें जीवित प्राणियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा जहां हर कोई एक सुसंगत सह अस्तित्व में रह सकता है।“ और शपथ दिलवाया कि वो ना तो गंदगी करेंगे न ही किसी को करने देंगे, और सफाई की शुरुआत अपने घर, अपने मोहल्ले, अपने स्कूल से शुरू करेगे, साथ ही साथ यह भी शपथ दिलवाया की पॉलिथीन का प्रयोग ना तो खुद करेंगे न ही किसी को करने के लिए प्रेरित करेंगे |

इस अवसर पर संस्था के श्री अक्षत पाल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए गणतंत्र दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “जैसा की आपको विदित हैं की आज हम सभी अपने राष्ट्र का 69वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं। 1947 में भारत की आजादी के ढाई साल बाद इसको मनाने की शुरुआत सन् 1950 से हुई। हम इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद, भारत एक स्व-शासित देश नहीं था आर्थात् एक संप्रभु राज्य नहीं था। भारत एक स्व-शासित देश बना जब 1950 में इसका संविधान लागू हुआ।

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